Live Hindustan : Oct 30, 2019, 07:16 AM
मुंबई | महाराष्ट्र में ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़ी शिवसेना को साधने के लिए भाजपा अब एक नए फार्मूले पर विचार कर रही है। इसके तहत राज्य में उपमुख्यमंत्री पद के साथ केंद्र सरकार में शिवसेना को दो और मंत्री पद दिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि दोनों दलों के ताजा बयानों से बढ़ी तल्खी के चलते सरकार के गठन में देरी हो सकती है।
भाजपा-शिवसेना की ओर से मंगलवार को दिनभर बयानबाजी होती रही। पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बयान जारी कर शिवसेना के 50-50 के फार्मूले के दावे को खारिज कर दिया। इसके बाद शिवसेना ने सरकार के गठन को लेकर शाम को भाजपा के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी।महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे आने के पांच दिन बाद भी भाजपा-शिवसेना सरकार गठन के लिए एक टेबल पर आने में कामयाब नहीं हो सके हैं। शिवसेना लगातार भाजपा पर दबाब बनाए हुए और शुरुआत में संयम बरतने के बाद अब भाजपा भी खुलकर मैदान में आ गई है। केंद्र व राज्य में हिस्सेदारी बढ़ाने पर मंथनशिवसेना को साधने के लिए भाजपा राज्य व केंद्र में उसकी हिस्सेदारी बढ़ाने की पेशकश कर सकती है। माना जा रहा है कि केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार कर शिवसेना को दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं। साथ ही राज्य में उपमुख्यमंत्री के अलावा सरकार में 40 फीसदी की हिस्सेदारी की पेशकश भी की जा सकती है। इसे भाजपा का सबसे बड़ा समझौता फार्मूला माना जा रहा है।एनसीपी और कांग्रेस पर भी नजरमहाराष्ट्र विधानसभा के अंकगणित में एनसीपी और कांग्रेस भी अहम भूमिका में हैं। शिवसेना के पास दो ही विकल्प हैं। या तो वह भाजपा के साथ सरकार बनाए या फिर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर नया विकल्प खड़ा करे। भाजपा के पास भी शिवसेना के दूर होने पर एनसीपी का सबसे बड़ा विकल्प है। क्या है गणितमहाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीट हैं। भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54, जबकि कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है।