New Education Policy / अब केमिस्ट्री के साथ म्यूजिक, फिजिक्स के साथ फैशन डिजाइनिंग पढ़ सकेंगे छात्र

केंद्र की मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। सरकार की ओर से इसमें छात्रों को कई तरह की राहत दी गई है। 34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल-कॉलेज की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब तक छात्र कॉलेज में फिजिक्स के साथ केमिस्ट्री, मैथ्स ही पढ़ सकते थे, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत छात्र अब फिजिक्स के साथ फैशन डिजाइनिंग और केमिस्ट्री के साथ म्यूजिक भी पढ़ सकेंगे।

AajTak : Jul 30, 2020, 06:40 AM
Delhi: केंद्र की मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। सरकार की ओर से इसमें छात्रों को कई तरह की राहत दी गई है। 34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल-कॉलेज की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब तक छात्र कॉलेज में फिजिक्स के साथ केमिस्ट्री, मैथ्स ही पढ़ सकते थे, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत छात्र अब फिजिक्स के साथ फैशन डिजाइनिंग और केमिस्ट्री के साथ म्यूजिक भी पढ़ सकेंगे। बुधवार को सरकार की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी गई।

सरकार की ओर से बताया गया कि मौजूदा शिक्षा नीति के तहत फिजिक्स ऑनर्स के साथ केमिस्ट्री, मैथ्स लिया जा सकता है। इसके साथ फैशन डिजाइनिंग नहीं ली जा सकती थी। लेकिन नई नीति में मेजर और माइनर की व्यवस्था होगी।

नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए सरकार ने बताया कि जो मेजर प्रोग्राम हैं उसके अलावा माइनर प्रोग्राम भी लिए जा सकते हैं। इसके दो फायदे होंगे। पहला फायदा ये होगा कि जो छात्र आर्थिक या अन्य कारण से ड्रॉप आउट हो जाते हैं वो वापस सिस्टम में आ सकते हैं।

इसके अलावा जो छात्र अलग-अलग विषयों में रूचि रखते हैं, जैसे जो म्यूजिक में रूचि रखते हैं, उनके लिए कोई व्यवस्था अभी नहीं है। नई शिक्षा नीति में मेजर और माइनर के माध्यम से ये व्यवस्था रहेगी।


ये बदलाव भी किए गए

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार ने बताया कि आज की व्यवस्था में 4 साल इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद या 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद अगर कोई छात्र आगे नहीं पढ़ सकता है तो उसके पास कोई उपाय नहीं है। छात्र आउट ऑफ द सिस्टम हो जाता है। नए सिस्टम में ये रहेगा कि एक साल के बाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा, तीन या चार साल के बाद डिग्री मिल सकेगी।


सरकार ने बताया कि मल्टीपल एंट्री थ्रू बैंक ऑफ क्रेडिट के तहत छात्र के फर्स्ट, सेकंड ईयर के क्रेडिट डिजीलॉकर के माध्यम से क्रेडिट रहेंगे। जिससे कि अगर छात्र को किसी कारण ब्रेक लेना है और एक फिक्स्ड टाइम के अंतर्गत वह वापस आता है तो उसे फर्स्ट और सेकंड ईयर रिपीट करने को नहीं कहा जाएगा। छात्र के क्रेडिट एकेडमिक क्रेडिट बैंक में मौजूद रहेंगे। ऐसे में छात्र उसका इस्तेमाल अपनी आगे की पढ़ाई के लिए करेगा।