Vikrant Shekhawat : Sep 11, 2024, 07:00 AM
Onion Price: राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश के कई हिस्सों में प्याज की कीमतों में गिरावट की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। प्याज, जो भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है, इन दिनों आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही है। प्याज की बढ़ती कीमतें न केवल सब्जियों की खरीददारी को महंगा बना रही हैं, बल्कि विभिन्न व्यंजनों में इसकी उपयोगिता के कारण घरेलू बजट को भी प्रभावित कर रही हैं।दिल्ली में प्याज की कीमतें 58 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचीदिल्ली में प्याज की कीमतें हाल ही में एक बार फिर उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 58 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में प्याज का औसत मूल्य मंगलवार को 49.98 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। हालांकि, बाजार में प्याज का प्रचलित भाव 50 रुपये प्रति किलोग्राम के आस-पास है, जो उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।प्याज की अधिकतम और न्यूनतम कीमतों में बड़ा अंतरसरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अधिकतम कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है, जबकि इसका न्यूनतम भाव 27 रुपये प्रति किलोग्राम है। इस असमानता के कारण, उपभोक्ताओं को विभिन्न स्थानों पर प्याज की खरीददारी के लिए अलग-अलग दाम चुकाने पड़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने 5 सितंबर को प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री शुरू की थी। एनसीसीएफ और नैफेड द्वारा संचालित सेंटर और मोबाइल वैन के माध्यम से इस बिक्री का आयोजन किया जा रहा है।भंडारण की स्थिति और भविष्य की संभावनावर्तमान में किसानों और व्यापारियों के पास लगभग 38 लाख टन प्याज का भंडार मौजूद है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने पिछले हफ्ते कहा था कि आगामी महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है। खरीफ सत्र में प्याज की बुवाई का रकबा पिछले महीने तक 2.9 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.94 लाख हेक्टेयर था। यह वृद्धि प्याज की उपलब्धता को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।आगे की राहहालांकि प्याज की कीमतों में राहत की कोई तत्काल उम्मीद नहीं है, लेकिन बढ़ते भंडारण और बुवाई के रकबे से आने वाले महीनों में स्थिति में सुधार की संभावना है। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम, जैसे रियायती दरों पर प्याज की बिक्री, भी उम्मीद की किरण बन सकते हैं। फिर भी, यह देखना होगा कि भविष्य में इन उपायों के प्रभावी होने से बाजार की स्थिति कितनी बदलती है और आम आदमी को प्याज की उच्च कीमतों से राहत कब मिलेगी।