देश / केंद्रीय नौकरियों के लिए स्वीकृत 40 लाख पदों में से 8.72 लाख खाली, जानें कहां कितनी वैकेंसी

केंद्र सरकार द्वारा अगले डेढ़ साल में दस लाख नौकरियां देने की वादा बेरोजगारी पर बड़ा वार साबित हो सकता है। देश में एक मार्च 2020 तक केंद्र में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 40,04,941 थी। इसमें से कुल 31,32,968 पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति थी। तत्कालीन केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इस वर्ष मार्च में राज्यसभा को बताया था कि केंद्र में स्वीकृत कुल पदों में से 8,71,973 लाख पद रिक्त हैं।

Vikrant Shekhawat : Jun 15, 2022, 08:09 AM
Delhi: केंद्र सरकार द्वारा अगले डेढ़ साल में दस लाख नौकरियां देने की वादा बेरोजगारी पर बड़ा वार साबित हो सकता है। देश में एक मार्च 2020 तक केंद्र में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 40,04,941 थी। इसमें से कुल 31,32,968 पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति थी। तत्कालीन केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इस वर्ष मार्च में राज्यसभा को बताया था कि केंद्र में स्वीकृत कुल पदों में से 8,71,973 लाख पद रिक्त हैं।


केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने दिसंबर 2020 में रिपोर्ट पेश करते हुए बताया था कि वित्त वर्ष 2007-08 से लेकर 2013-14 तक कुल 6,19,027 केंद्रीय नौकरियां दी गईं थी। इसमें से अधिकतर नौकरियां संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने दी थी। वहीं मोदी सरकार ने बीते सात वर्षों में 6,98,011 नौकरियां दी हैं। 2014 में केंद्र में स्वीकृत कुल पदों की संख्या 36,45,584 थी जो अब बढ़कर 40,04,941 हो गई है।


केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 10 हजार पद रिक्त

तत्कालीन शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले साल दिसंबर में राज्यसभा को बताया था कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुल 10 हजार से अधिक पद खाली हैं। इसमें से 6535 नियमित शैक्षणिक पद हैं। केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में दी गई लिखित रिपोर्ट के अनुसार 20 भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में 403 और 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में कुल 3876 शैक्षणिक पद रिक्त हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार देशभर में 54 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं।

आरक्षित वर्ग को भी नहीं मिल रही नौकरी

केंद्र सरकार द्वारा इसी साल राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में फैकल्टी के लिए अनुसूचित जाति के 1015, अनुसूचित जनजाति के 590 और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित 1767 पद खाली हैं। आईआईटी में फैकल्टी के लिए आरक्षित अनुसूचित जाति के 32, अनुसूचित जनजाति के 183 और अन्य पिछड़ा वर्ग के 462 पद खाली हैं। इसी तरह आईआईएम में शैक्षणिक पदों के लिए आरक्षित सीटों में से 5,27 और 45 पद खाली हैं।


सेना में अफसरों के 9362 पद रिक्त

केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार देश की तीनों सेनाओं में अफसरों के कुल 9362 पद रिक्त हैं। रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में दिसंबर 2021 में बताया था कि भारतीय सेना में 7476, नौसेना में 1265 और भारतीय वायुसेना में अफसरों के 621 पद खाली हैं। इसी तरह सेना में 91,177, नौसेना में 11,166 और वायुसेना में 4850 सैन्यकर्मियों के पद रिक्त हैं। रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सेना की सभी ईकाइयों में अफसरों और अलग-अलग श्रेणी के जवानों का संकट है।


2021 में 27 फीसदी कम नौकरियां मिलीं

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में नौकरियां देने की दर तीन साल में सबसे कम रही है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में कुल 1,19,000 लोगों को केंद्र सरकार ने नौकरी दी। 2021 में इसमें 27 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी और केंद्र द्वारा दी गई नौकरियों का आंकड़ा 21 फीसदी घटकर 87,423 हो गया था। इसी तरह राज्यों ने 2020 की तुलना में 2021 में 1,07,000 कम नौकरियां दी गईं थीं। कम नौकरियों का प्रमुख कारण कोरोना महामारी थी।

देश में बेरोजगारी की दर 7.3 फीसदी

सेंटर फॉर इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के अनुसार देश में 13 जून 2022 को बेरोजगारी दर 7.3 फीसदी थी। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.8 और ग्रामीण क्षेत्रों में 7.0 फीसदी थी। मई 2022 में दिल्ली में बेरोजगारी दर 13.6, झारखंड 13.1, उत्तराखंड 2.9, उत्तर प्रदेश 3.1 और हरियाणा में 34.6 फीसदी थी। राजस्थान में 22.2 और त्रिपुरा में बेरोजगारी दर 17.4 फीसदी थी। सीएमआईई के अनुसार कोरोना महामारी के कारण अप्रैल 2021 में 73.5 लाख नौकरियां कम थीं।

हर माह कितने लोगों को केंद्रीय नौकरियां

2018-19: 11,000

2019-20: 9900

2020-21: 7285