देश / पी चिदंबरम ने सीतारमण पर साधा निशाना, कहा- बजट किसी फिल्म की तरह था जो पहले शो के बाद फुस्स हो गया

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने 1 फरवरी को आए बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 160 मिनट के बाद बजट में कोई नैरेटिव नहीं था। इसीलिए, एक विषय के रूप में बजट दूसरे दिन ही अखबारों के पहले पन्नों और टीवी चैनलों से गायब हो गया।' चिदंबरम ने आगे कहा कि 'यह बजट एक फिल्म की तरह था जो पहले शो के बाद फुस्स हो गया।

Live Hindustan : Feb 04, 2020, 06:57 AM
नई दिल्ली | पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने 1 फरवरी को आए बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 160 मिनट के बाद बजट में कोई नैरेटिव नहीं था। इसीलिए, एक विषय के रूप में बजट दूसरे दिन ही अखबारों के पहले पन्नों और टीवी चैनलों से गायब हो गया।' चिदंबरम ने आगे कहा कि 'यह बजट एक फिल्म की तरह था जो पहले शो के बाद फुस्स हो गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने सारे प्रमुख एक साथ आते हैं और भाषण लिखते हैं और फिर भी लोगों को अंधेरे में छोड़ दिया जाता है कि यह क्या है जो सरकार कहना चाहती थी।'

गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश हुए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं था और बेरोजगारी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ''मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है। मुझे इसमें कोई ऐसा विचार नहीं दिखा जो रोजगार पैदा करने के लिए हो।'' गांधी ने कहा कि यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण हो सकता है लेकिन इसमें कुछ ठोस नहीं था। इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है।

उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों की इनकम नहीं बढ़ी है। क्या किसानों की आय दोगुनी हुई। क्या नौजवानों को रोजगार मिलने लगी है। लोगों की इनकम खत्म हो रही है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ऐसे दौर में जबकि भारत आर्थिक रूप से नीचे की ओर जा रहा है, वित्त मंत्री सीतारमण का बजट भाषण आम नागरिकों की मदद करने के बजाए प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) की सराहना पर अधिक केन्द्रीत है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट नये और आत्मविश्वासी भारत की रूपरेखा देता है, यह आने वाले वर्षों में देश को स्वस्थ एवं समृद्ध बनाएगा। बजट में सभी वर्गों के कल्याण और विकास पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित है, इसमें किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है।