नई दिल्ली / राजनाथ ने कहा- मोदी-ट्रम्प के बीच जून में बातचीत हुई थी, लेकिन इसमें कश्मीर का मुद्दा नहीं उठा था

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कश्मीर पर मध्यस्थता वाले बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को भी लोकसभा में हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने सदन में ‘मोदी जवाब दो’ के नारे लगाए। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री जयशंकर इस मामले पर बयान दे चुके हैं। मैं जयशंकर जी के स्टेटमेंट को प्रामाणिक मानता हूं। ट्रम्प और मोदीजी के बीच जून में बातचीत हुई थी।

Dainik Bhaskar : Jul 24, 2019, 12:57 PM
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कश्मीर पर मध्यस्थता वाले बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को भी लोकसभा में हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने सदन में ‘मोदी जवाब दो’ के नारे लगाए। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री जयशंकर इस मामले पर बयान दे चुके हैं। मैं जयशंकर जी के स्टेटमेंट को प्रामाणिक मानता हूं। ट्रम्प और मोदीजी के बीच जून में बातचीत हुई थी और उस वक्त जयशंकर जी वहीं मौजूद थे।” राजनाथ ने कहा कि अगर पाक से कश्मीर मुद्दे पर बात होगी तो सिर्फ कश्मीर पर नहीं बल्कि ‘पाक अधिकृत कश्मीर’ पर भी बात होगी।

राजनाथ ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कहा जा रहा था कि सत्तापक्ष जवाब देगा तो वो सुनेंगे। लेकिन विदेश मंत्री के बाद मैं भी जवाब दे रहा हूं और वे सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर पर किसी की मध्यस्थता स्वीकारने का सवाल ही नहीं उठता। कश्मीर हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का मामला है। हम अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते।

इस बीच कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर संसद में आकर जवाब दें। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव भी दिया। 

सरकार रख चुकी है पक्ष

ट्रम्प ने सोमवार को पाक पीएम इमरान के साथ बैठक के दौरान दावा किया था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया मुलाकात में उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए कहा। इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में इस मामले में सरकार का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि भारत की स्थिति साफ रही है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाया जाएगा। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए उसका सीमा पार आतंकवाद बंद करना जरूरी है।