Corona Vaccine / Pfizer की कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण में आयी समस्या, एलर्जी रिएक्शन के मामले सामने आए

ब्रिटेन में सबसे पहले फाइजर की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी मंजूरी दी गई और उसके बाद बड़ी तादाद में टीकाकरण का काम मंगलवार से शुरू हो चुका है। यूके के रेगुलेटर्स ने कहा कि जिन लोगों को पहले से एलर्जी की शिकायत है उन्हें फाइजर-बायोटेक की वैक्सीन का टीका नहीं दिया जाना चाहिए। Pfizer के मुख्य कार्यकारी अल्बर्ट बोर्ला का कहना है कि 'लोगों को विश्वास होना चाहिए कि यह सुरक्षित और प्रभावी है।'

Vikrant Shekhawat : Dec 09, 2020, 09:15 PM
Corona Vaccine: ब्रिटेन में सबसे पहले फाइजर की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी मंजूरी दी गई और उसके बाद बड़ी तादाद में टीकाकरण का काम मंगलवार से शुरू हो चुका है। यूके के रेगुलेटर्स ने कहा कि जिन लोगों को पहले से एलर्जी की शिकायत है उन्हें फाइजर-बायोटेक की वैक्सीन का टीका नहीं दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, वहां पर बड़ी तादाद में टीकाकरण के शुरू होने के पहले ही दिन 2 लोगों पर एलर्जी रिएक्शन के मामले सामने आने के बाद इस मामले की जांच की जाएगी।

इंग्लैड के नेशनल मेडिकल डायरेक्टर फॉर द नेशनल हेल्थ सर्विस के प्रोफेसर स्टीवन पोविस ने कहा- देश के मेडिसीन रेगुलेटर मेडिकल एंड हेल्थ प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी की सिफारिश पर हेल्थ अथॉरिटीज काम कर रहे थे। पोविस ने एक बयान में कहा- “नई वैक्सीन में यह आम है, MHRA ने यह सलाह दी है कि ऐहतियात के तौर पर वैसे लोग जिन्हें एलर्जिक रिएक्शन की शिकायत रही है वे कोरोना के टीके ना लगवाएं क्योंकि एक दिन पहले ऐसे लोगों में टीका लगाने पर विपरीत प्रतिक्रिया देखने को मिली है।”

Pfizer के मुख्य कार्यकारी अल्बर्ट बोर्ला का कहना है कि 'लोगों को विश्वास होना चाहिए कि यह सुरक्षित और प्रभावी है।' अल्बर्ट बोर्ला के अनुसार "वैक्सीन लगाने का फैसला केवल आपके स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर रहा है, यह दूसरों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, और संभवत: उन लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, जिन्हें आप प्यार करते हैं।" इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर्स एंड एसोसिएशन (IFPMA) की ओर से आयोजित की गई एक वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में अल्बर्ट बोर्ला ने बताया "हमने किसी भी तरह की कोई संभावना की कटौती नहीं की है। इस टीके का वास्तव में कई चरणों में परीक्षण किया गया है'।

बोर्ला का कहना है कि कंपनी यह सुनिश्चित करने पर जोर दे रही थी कि केवल सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन को बाजार में लाया जाए, वहीं इस पर वैज्ञानिक शब्दों के बजाय राजनीतिक चर्चा ने लोगों को भ्रमित करने का काम किया है। जिससे लोग नहीं जानते कि किस पर विश्वास करना है और क्या विश्वास करना है। उनका कहना है कि इस पर अमेरिका में गंभीर रूप से राजनीतिकरण किया गया है।