Vikrant Shekhawat : Oct 06, 2021, 06:08 PM
मनुष्य अगर चाहे तो वह कठिन परिश्रम और लगन के बलबूते पर फर्श से अर्श तक का सफर तय कर सकता है। अपने रोजमर्रा के जीवन में हम बहुत सारे लोगो की सफलता के प्रेरणादायक किस्से हमारे कानो मे पड़ते ही है। किस तरह परिश्रम करके कुछ लोग अपनी तकदीर खुद अपने हाथों से लिखते है और कामयाबी के उच्चतम शिखर को हासिल करते है। कामयाबी की एक ऐसी ही मिसाल कें तोर पर हम आज आपको ऐसे शख्स की बुलंदियों को छूने वाली कहानी बताने जा रहे है, जो एक वक़्त एक छोटी सी फोटो शॉप से अपनी कमाई करते थे और वह आज ‘विशाल मेगा मार्ट के मालिक बन गए है। तो मित्रों हम आज चर्चा कर रहे है, विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) के मालिक रामचंद्र अग्रवाल (Ram Chandra Agarwal) के विषय में। रामचंद्र अग्रवाल ने अपने जिंदगी में काफी समस्याओं का सामना किया हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की रामचंद्र अग्रवाल बचपन से ही दिव्यांग है। रामचंद्र अग्रवाल बचपन मे ही पोलियो (Polio) से ग्रस्त हो गए थे। इस कारण से वह अपनी इस कमजोरी की वजह से भारी काम करने में सक्षम नहीं थे, इसलिए उन्होंने एक छोटी सी फोटोकॉपी की दुकान खोल ली और उसी की सहायता से अपना जीवन यापन करने लगे। तकरीबन एक वर्ष तक रामचंद्र अग्रवाल (Ram Chandra Agarwal) ने फोटोकॉपी की दुकान (Photocopy Shop) चलाई, जिसके पश्चात उन्हें मेहसूस हुआ की अब जिंदगी कामयाब होने के लिये और भी आगे बढ़ना चाहिए इस वजह से उन्होंने कोलकता के लाल बाजार में एक कपडे की दुकान खोल ली और कपडे की इस दुकान को रामचंद्र ने करीब 15 सालों तक चलाया। परंतु रामचंद्र यहाँ भी नही थमे और उन्होंने कोलकाता (Kolkata) के बाजार से बाहर नीकल कर दिल्ली के बड़े बाजार में अपनी तकदीर आजमाने का फेसला लिया और वर्ष 2001 मे दिल्ली के बाजर में प्रवेश कर के विशाल रिटेल नाम से छोटे स्तर पर खुदरा व्यापार करना प्रारंभ किया। व्यापार में तरक्की को देखते हुए उन्होंने अगले ही साल विशाल मेगा मार्ट नाम से बड़े स्तर पर खुदरा व्यापार करना प्रारंभ कर दिया।
आज V2 रिटेल भारत कई बड़ी कंपनियो में से एक है। आपको बता दे की इस कंपनी की देश के पुरे 17 राज्यो में 96 स्टोअर्स चल रहे है। वास्तव में रामचंद्र अग्रवाल ने आश्चर्यजनक कार्य कर के दिखाया। फर्श से लेकर अर्श तक पहुचने की कहावत रामचंद्र अग्रवाल ने पूरे तौर पर अपनी महेनत और लगन के बल पर संभव करके दिखाया। रामचंद्र एक दिव्यांग होकर भी आज देश के बहुत से व्यापारियो के लिए प्रेरणा (Inspiration) बन गए। अपनी दूर दृष्टि और नेतृत्व से खुदरा व्यापार में क्रांति की शुरू करने के लिए, रामचंद्र अग्रवाल (Vishal Mega Mart Owner Ram Chandra Agarwal) को विभिन्न मंचों पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जैसे कि 2008 में अर्न्स्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड और 2007 में 4Ps पावर ब्रांड अवार्ड। श्रेष्ठता और निष्पादन (Excellence and Performance) की पहचान करने वाले एक नेतृत्वकर्ता है।
व्यापार में तेज रफ्तार से हो रही तरक्की को देखते हुए और बाजार में अपनी पहचान बनाने के लिए रामचंद्र ने शेयर बाजार से बड़ी ऋण राशि उधार लिया और खराब किस्मत के कारण उन्हें उस वक़्त 750 करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ा। लेकिन इस नुक्सान से निराश न होकर रामचंद्र ने हिम्मत बनाये रखी, क्योंकि उन्हें वह यह बात जानते थे की व्यापार में लाभ और हानि तो साधारण बात है। इस बार तकदीर ने उनका समर्थन नहीं किया और उन्हें इतना नुकसान हुआ की अपने कठिन परिश्रम से बनाई हुई कंपनी वि मार्ट को वर्ष 2011 में श्रीराम ग्रुप को बेचना पड़ा और फिर उसके पश्चात रामचंद्र अग्रवाल ने V2 रिटेल नाम से एक नई कंपनी का शुभारंभ किया और फिर से इस नई कंपनी को सफल (Company Success) बनाने में जी जान से जुट गए।Vishal Mega Mart owner Ram Chandra Agarwal Ji pic.twitter.com/T29flt3jNC
— sanatanpath (@sanatanpath) October 2, 2021
आज V2 रिटेल भारत कई बड़ी कंपनियो में से एक है। आपको बता दे की इस कंपनी की देश के पुरे 17 राज्यो में 96 स्टोअर्स चल रहे है। वास्तव में रामचंद्र अग्रवाल ने आश्चर्यजनक कार्य कर के दिखाया। फर्श से लेकर अर्श तक पहुचने की कहावत रामचंद्र अग्रवाल ने पूरे तौर पर अपनी महेनत और लगन के बल पर संभव करके दिखाया। रामचंद्र एक दिव्यांग होकर भी आज देश के बहुत से व्यापारियो के लिए प्रेरणा (Inspiration) बन गए। अपनी दूर दृष्टि और नेतृत्व से खुदरा व्यापार में क्रांति की शुरू करने के लिए, रामचंद्र अग्रवाल (Vishal Mega Mart Owner Ram Chandra Agarwal) को विभिन्न मंचों पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जैसे कि 2008 में अर्न्स्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड और 2007 में 4Ps पावर ब्रांड अवार्ड। श्रेष्ठता और निष्पादन (Excellence and Performance) की पहचान करने वाले एक नेतृत्वकर्ता है।