NavBharat Times : Jul 18, 2020, 09:07 AM
वॉशिंगटन: हमारे सोलर सिस्टम की बाहरी ओर पृथ्वी से आकार में 10 गुना ज्यादा बड़ा Planet Nine असल में ग्रेपफ्रूट (चकोतरा) के आकार का ब्लैक होल हो सकता है। हो सकता है कि 2022 में आने वाला एक नया टेलिस्कोप इसे डिटेक्ट भी कर सके। दरअसल, Neptune (वरुण ग्रह) की कक्षा के पीछे अजीब तरह से एक-दूसरे से सटे ऑब्जेटक्ट्स को लेकर माना जाता है कि उनके ऑर्बिट में कोई बड़ी चीज आ रही है। इसे अभी तक डिटेक्ट नहीं किया जा सका है।
ग्रह या ब्लैकहोल?यह एक विशल ग्रह या ब्लैकहोल हो सकता है जिसने धरती के 10 गुना आकार का mass (द्रव्यमान) ग्रेपफ्रूट के आकार में समेट रखा हो। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में शामिल स्टूडेंट आमिर सिराज ने बताया है, 'ब्लैक होल के पास जाने वाले ऑब्जेक्ट पिघल जाते हैं। इससे निकलने वाले रेडिएशन से पता लगाया जा सकता है कि वहां ब्लैक होल है या नहीं।'चिली में बनाए जा रहे नए वाइड फील्ड टेलिस्कोप की मदद से इस बात का पता लगाया जा सकेगा। यह 2020 में ऑनलाइन आने के बाद Legacy Survey of Space And Time (LSST) करेगा और सिराज का कहना है कि इसकी मदद से रेडिएशन को डिटेक्ट किया जा सकेगा।..तो 200 साल में पहला ग्रह होगाPlanet X या Planet Next के नाम से भी मशहूर इस ग्रह के बारे में कई साल से संभावनाएं जताई गई हैं। हालांकि, इसे डिटेक्ट नहीं किया जा सका है। सिराज का कहना है कि नेपच्यून के ऑर्बिट के पीछे के ऑब्जेक्ट्स के आपस में जुड़े होने के पीछे यह एक कारण हो सकता है। अगर इसकी मौजूदगी की पुष्टि होती है तो दो सदियों में मिलने वाला यह पहला ग्रह होगा। अगर उन्हें यहां से लाइट आती नहीं मिली तो माना जाएगा कि यह दरअसल ब्लैकहोल है।
ग्रह या ब्लैकहोल?यह एक विशल ग्रह या ब्लैकहोल हो सकता है जिसने धरती के 10 गुना आकार का mass (द्रव्यमान) ग्रेपफ्रूट के आकार में समेट रखा हो। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में शामिल स्टूडेंट आमिर सिराज ने बताया है, 'ब्लैक होल के पास जाने वाले ऑब्जेक्ट पिघल जाते हैं। इससे निकलने वाले रेडिएशन से पता लगाया जा सकता है कि वहां ब्लैक होल है या नहीं।'चिली में बनाए जा रहे नए वाइड फील्ड टेलिस्कोप की मदद से इस बात का पता लगाया जा सकेगा। यह 2020 में ऑनलाइन आने के बाद Legacy Survey of Space And Time (LSST) करेगा और सिराज का कहना है कि इसकी मदद से रेडिएशन को डिटेक्ट किया जा सकेगा।..तो 200 साल में पहला ग्रह होगाPlanet X या Planet Next के नाम से भी मशहूर इस ग्रह के बारे में कई साल से संभावनाएं जताई गई हैं। हालांकि, इसे डिटेक्ट नहीं किया जा सका है। सिराज का कहना है कि नेपच्यून के ऑर्बिट के पीछे के ऑब्जेक्ट्स के आपस में जुड़े होने के पीछे यह एक कारण हो सकता है। अगर इसकी मौजूदगी की पुष्टि होती है तो दो सदियों में मिलने वाला यह पहला ग्रह होगा। अगर उन्हें यहां से लाइट आती नहीं मिली तो माना जाएगा कि यह दरअसल ब्लैकहोल है।