BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अक्टूबर 2024 को रूस की यात्रा करेंगे। यह यात्रा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर की जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी रूस की अध्यक्षता में कजान में आयोजित होने वाले 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस शिखर सम्मेलन का विषय "न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना" है, जो वैश्विक मुद्दों पर चर्चा और सहयोग का महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का महत्व
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हर साल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं को एक साथ लाता है। इस वर्ष रूस की अध्यक्षता में यह आयोजन कजान शहर में हो रहा है। यह मंच वैश्विक और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष का सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा, जैसे कि बहुपक्षीयता का सुदृढ़ीकरण, वैश्विक विकास और सुरक्षा।शिखर सम्मेलन में नए ब्रिक्स सदस्यों, जिनमें सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया, मिस्र, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं, का स्वागत किया जाएगा। इन नए सदस्यों के जुड़ने से ब्रिक्स का प्रभाव और वैश्विक मंच पर इसकी भूमिका और भी मजबूत होगी।
पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठकें
शिखर सम्मेलन में भाग लेने के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के दौरान ब्रिक्स सदस्य देशों और आमंत्रित देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें होने की भी संभावना है। इन बैठकों के माध्यम से, सदस्य देश अपने-अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर सकते हैं, और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए आयामों की खोज कर सकते हैं।
रूस और भारत के बीच संबंध
रूस और भारत के बीच ऐतिहासिक और मजबूत संबंध रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की पिछली रूस यात्रा, जो जुलाई 2024 में हुई थी, इस दोस्ती को और गहरा करने का प्रतीक रही थी। उस दौरे के दौरान, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान,
ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया था। यह सम्मान भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे घनिष्ठ संबंधों का प्रतिबिंब था। पीएम मोदी ने इस सम्मान को पूरे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताते हुए इसे दोनों देशों के बीच की सदियों पुरानी मित्रता का प्रतीक कहा था।
भारत की भूमिका और उम्मीदें
भारत ने हमेशा वैश्विक विकास और स्थिरता के लिए बहुपक्षीयता का समर्थन किया है। ब्रिक्स जैसे मंच, जहां उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के देशों का एक साथ आना होता है, भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। इस शिखर सम्मेलन में भाग लेकर, प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक चुनौतियों पर भारत के दृष्टिकोण को साझा करेंगे और सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को और गहरा करने का प्रयास करेंगे।
निष्कर्ष
रूस में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका और प्रभाव को दर्शाती है। यह शिखर सम्मेलन बहुपक्षीय सहयोग और न्यायसंगत वैश्विक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। रूस और अन्य ब्रिक्स देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण साबित होगी।