BRICS Tariff War / ट्रंप जिस डॉलर के लिए लड़ रहे, भारत ने उसपर जाहिर कर दिए अपने इरादे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रिक्स देशों के खिलाफ टैरिफ वार की घोषणा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समूह का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत ब्रिक्स गतिविधियों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत डॉलर को कमजोर करने के किसी प्रयास का हिस्सा नहीं है।

BRICS Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रिक्स देशों के खिलाफ टैरिफ वार की घोषणा के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने समूह का बचाव किया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के सदस्य देशों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना चाहिए क्योंकि यह एक वैश्विक बहस का हिस्सा है। भारत, जो ब्रिक्स का एक संस्थापक सदस्य है, अपनी भूमिका को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ब्रिक्स का महत्व और भारत की भूमिका

ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) एक ऐसा मंच है जो पिछले दो दशकों में विस्तारित हुआ है और वैश्विक मामलों में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने में सफल रहा है। जयशंकर ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच ब्रिक्स गतिविधियों की समझ बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने ट्रंप की टैरिफ धमकी पर लोकसभा में एक लिखित जवाब में अपना पक्ष स्पष्ट किया।

डॉलर पर भारत की स्थिति

भारत ने स्पष्ट रूप से ब्रिक्स के डी-डॉलराइजेशन विवाद से खुद को अलग रखा है। जयशंकर ने कहा कि भारत किसी भी ऐसे प्रयास का हिस्सा नहीं है जो डॉलर को कमजोर करने या किसी कॉमन ब्रिक्स करेंसी को स्थापित करने की दिशा में हो। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत की आर्थिक और राजनीतिक रणनीति डॉलर को कमजोर करने पर केंद्रित नहीं है।

अमेरिकी अधिकारियों को संदेश

भारत ने द्विपक्षीय बैठकों में अमेरिकी अधिकारियों को बार-बार यह संदेश दिया है कि उसका उद्देश्य डॉलर की स्थिरता को चुनौती देना नहीं है। ट्रंप की टैरिफ धमकी के बावजूद, भारत ने ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य के रूप में अपनी भूमिका को बनाए रखते हुए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि समूह के उद्देश्यों को वैश्विक स्तर पर सही रूप से समझा जाए।

ब्रिक्स की रणनीति और भविष्य

विदेश मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स की बैठकों और चर्चाओं का प्रमुख उद्देश्य साझा आधार तलाशना और वैश्विक व्यवस्था को संतुलित रूप से आकार देना है। जयशंकर का मानना है कि शक्ति केवल एक देश तक सीमित न रहे, बल्कि यह संतुलित रूप से कई देशों में वितरित हो।

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि ब्रिक्स के 11 सदस्य देशों और 9 साझेदार देशों की व्यापारिक गतिविधियाँ उनकी 100% टैरिफ धमकी के कारण प्रभावित हुई हैं। इसके बावजूद, भारत ने ब्रिक्स के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और वैश्विक मंच पर समूह की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।