AajTak : Aug 21, 2020, 07:19 AM
आंध्र प्रदेश राज्य के अनंतपुर ज़िले में पुलिस ने अवैध पिस्तौल खोजने के चक्कर में ट्रेजरी डिपार्टमेंट के अकाउंटेंट जी मनोज कुमट के पास से करोड़ों की अचल संपत्ति बरामद की। पुलिस को उसके घर में 8 बक्से मिले साथ ही 7 मोटर साइकिलें भी बरामद की गई हैं। उनमें एक हार्ले डेविडसन भी शामिल है।दरअसल, पुलिस ज़ोराकी पिस्तौल की तलाश कर रही थी लेकिन छापे के दौरान पुलिस को उनकी अकूत संपत्ति का पता चला। पुलिस ने ज़ोराकी पिस्तौल के साथ कुछ जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।पुलिस के मुताबिक, बुक्करायसमुद्रम की एससी कॉलोनी के एक घर से सोने चांदी से भरे हुए बक्से बरामद हुए हैं। साथ ही एक झुग्गी के घर से 15 लाख से अधिक नकदी भी बरामद हुई है।जानकारी के मुताबिक, यह घर मनोज के ड्राइवर नागलिंग के दामाद बलप्पा का है। पुलिस ने सामान जब्त करके इस मामले को लेकर एसीबी और आईटी विभाग को सूचित किया है। पुलिस ने एसीबी और आईटी विभाग से इस मामले में आगे की जांच करने का अनुरोध किया है।कीमती सामान की जब्ती में शामिलसोना - 2।420 ग्रामसिल्वर - 84 किलो ग्रामएफडी/एनएसएस- 49।10 लाखप्रॉमिसरी नोट्स- 27।50 लाखकैश- 15।55 लाख
2 एसयूवी गाड़ियां7 बाइक (बुलेट, करिज्मा, हार्ले डेविडसन)4 ट्रैक्टर
पुलिस का मानना है कि ये संपत्ति अनंतपुर के ट्रेजरी विभाग में वरिष्ठ लेखाकार के रूप में कार्यरत जी मनोज कुमट की है। मनोज सेवानिवृत्ति पेंशन से संबंधित मुद्दे को संभालने का काम करते हैं। मनोज एक पुलिस कांस्टेबल का बेटा है। मनोज को 2005 में अनुकंपा (compassionate) के आधार पर अपने पिता की मृत्यु के बाद सरकारी नौकरी मिली थी।एसीबी के डर से मनोज ने अपने ड्राइवर नागलिंग की मदद ली जो अपने ससुर के घर पर अवैध संपत्ति छिपा रहे थे। पुलिस के मुताबिक, मनोज ने अपनी मां, पत्नी और ड्राइवर के नाम पर कई करोड़ की संपत्ति जमा की थी। उसने न केवल भूमि, मकान, एसयूवी और बाइक्स खरीदीं बल्कि तीन विदेशी पिस्तौल और घोड़े भी खरीदे।
2 एसयूवी गाड़ियां7 बाइक (बुलेट, करिज्मा, हार्ले डेविडसन)4 ट्रैक्टर
पुलिस का मानना है कि ये संपत्ति अनंतपुर के ट्रेजरी विभाग में वरिष्ठ लेखाकार के रूप में कार्यरत जी मनोज कुमट की है। मनोज सेवानिवृत्ति पेंशन से संबंधित मुद्दे को संभालने का काम करते हैं। मनोज एक पुलिस कांस्टेबल का बेटा है। मनोज को 2005 में अनुकंपा (compassionate) के आधार पर अपने पिता की मृत्यु के बाद सरकारी नौकरी मिली थी।एसीबी के डर से मनोज ने अपने ड्राइवर नागलिंग की मदद ली जो अपने ससुर के घर पर अवैध संपत्ति छिपा रहे थे। पुलिस के मुताबिक, मनोज ने अपनी मां, पत्नी और ड्राइवर के नाम पर कई करोड़ की संपत्ति जमा की थी। उसने न केवल भूमि, मकान, एसयूवी और बाइक्स खरीदीं बल्कि तीन विदेशी पिस्तौल और घोड़े भी खरीदे।