Tirupati Stampede: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में वैकुण्ठ द्वार सर्वदर्शनम के दौरान मची भगदड़ में चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब वैकुण्ठ द्वार दर्शन के लिए टोकन जारी किए जा रहे थे। बुधवार शाम को बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिरुमाला पहुंचे थे, जिससे व्यवस्थाएं चरमरा गईं और भगदड़ मच गई।
घटना का विवरण
तिरुपति के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा 9 दिसंबर की सुबह से वैकुण्ठ दर्शन टोकन जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। बुधवार शाम से ही अलीपिरी, श्रीनिवासम, सत्यनारायणपुरम और पद्मावतीपुरम जैसे केंद्रों पर टोकन लेने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई। हालांकि, श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से काफी अधिक हो गई, जिससे अव्यवस्था फैल गई।तमिलनाडु के सेलम से आए एक श्रद्धालु सहित चार लोगों की भगदड़ में मौत हो गई। इसके अलावा चार अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
1.20 लाख टोकन जारी करने की योजना
टीटीडी ने वैकुण्ठ द्वार दर्शन के लिए 1.20 लाख टोकन जारी करने की योजना बनाई थी। इसके लिए 94 काउंटर लगाए गए थे। लेकिन, बुधवार शाम से ही टोकन के लिए उमड़ी भीड़ ने व्यवस्थाओं को बाधित कर दिया। गुरुवार सुबह से शुरू होने वाले दर्शन के लिए श्रद्धालु बुधवार शाम से ही कतार में खड़े थे, जिससे हालात और खराब हो गए।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को घायलों को तुरंत बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने और राहत-बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने फोन पर वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया।
टीटीडी पर सवाल
इस हादसे के बाद तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी भीड़भाड़ के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाने चाहिए थे। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
तिरुपति मंदिर, जो अपनी आध्यात्मिकता और भव्यता के लिए जाना जाता है, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से आहत हुआ है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए जरूरी कदम उठाने का यह समय है। सरकार और टीटीडी को मिलकर इस ओर ध्यान देना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।