जेएनयू बवाल / दिल्ली चुनाव के बीच हमलों पर गरमाई राजनीति, दर्जनों छात्रों को लगी गंभीर चोट

इस मामले पर राजनीतिक दलों ने भी गंभीर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया है। अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि इस सन्दर्भ में उन्होंने एलजी से बात की है और स्थिति को तुरंत काबू में किये जाने का अनुरोध किया है। फीसवृद्धि के मामले को लेकर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र लंबे समय से प्रशासन का विरोध कर रहे हैं।

नई दिल्ली | जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार देर शाम कुछ अज्ञात नकाबपोश लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ मारपीट की है। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी को सिर में गंभीर चोट आई है।

उनके आलावा दर्जनों अन्य छात्रों को भी गंभीर चोट लगी है। हमले में कई प्रोफेसरों को भी गंभीर चोट आई है। छात्रों पर यह हमला उस वक्त किया गया जब वामपंथी छात्र साबरमती ढाबे के पास एकत्रित होकर फीसवृद्धि के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे। हिंसा के लिए वामपंथी और दक्षिणपंथी छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया है।

वहीं, इस मामले पर राजनीतिक दलों ने भी गंभीर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया है। अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि इस सन्दर्भ में उन्होंने एलजी से बात की है और स्थिति को तुरंत काबू में किये जाने का अनुरोध किया है।

कैसे शुरू हुआ विवाद

फीसवृद्धि के मामले को लेकर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र लंबे समय से प्रशासन का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए छात्रों ने सड़कों पर बार-बार विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाला।

बाद में छात्रों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने की बजाय विश्वविद्यालय परिसर में ही विरोध करने की रणनीति अपनाई। छात्रों ने रजिस्ट्रेशन का पूर्ण बहिष्कार कर रखा है और वे नए छात्रों को भी रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे हैं। अलग-अलग स्कूलों के गेट पर भी छात्रों ने धरना दे रखा है।

इस समस्या का तोड़ निकालते हुए प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और फॉर्म भरने के माध्यम से रजिस्त्रेशन कराने का विकल्प रखा था। लेकिन वामपंथी छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में इंटरनेट सेवा भी बाधित कर रखी है जिसके कारण छात्र रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं।

आज रविवार को रजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन था। लेकिन छात्रों के विरोध का परिणाम हुआ है कि अभी तक लगभग 600 छात्र ही अपना रजिस्ट्रेशन करवा सके हैं, जबकि यहां आठ हजार से अधिक छात्र रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। रजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन होने की वजह से एबीवीपी के छात्र प्रशासन का सहयोग कर प्रक्रिया आगे बढ़ाना चाह रहे थे जबकि वामपंथी छात्र इसका लगातार विरोश कर रहे थे। 

आज शाम वामपंथी छात्रों ने साबरमती ढाबे पर इन्हीं मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रखा था। वामपंथी छात्रों का आरोप है कि इसी बीच बाहर से लगभग पचास लोगों ने उनके ऊपर हमला कर दिया जिसमें छात्रों को गंभीर चोटें आईं हैं। हमलों में प्रोफेसरों को भी नहीं बख्शा गया और उनके ऊपर भी हमला किया गया। 

एनएसयूआई ने एक व्हाट्सअप की कुछ स्क्रीन शॉट साझा करते हुए कहा है कि एबीवीपी ने पूरी योजना के तहत वामपंथी छात्रों पर ये हमले करवाए हैं। इसके लिए बाहरी लोगों की मदद ली गई है और पुलिस ने भी एबीवीपी के छात्रों का सहयोग दिया है।

एबीवीपी का आरोप- वामपंथी छात्रों ने कराया हमला

एबीवीपी के पदाधिकारी आशुतोष सिंह ने इन हमलों के लिए सीधे तौर पर वामपंथी छात्र संगठनों को जिम्मेदार बताया है। आशुतोष सिंह ने कहा कि एबीवीपी के छात्र बच्चों के एडमिशन प्रोसेस में सहयोग कर रहे थे. जबकि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में में बाधा डालने के लिए वामपंथी छात्रों ने बाहर से बुलाये छात्रों से उनके ऊपर हमले करवाए।

उन्होंने कहा कि वामपंथी छात्रों के हमले में उनके पदाधिकारी मनीष जांगीर और शिवम चौरसिया को गंभीर चोटें आई हैं। इनके आलावा लगभग दो दर्जन छात्र घायल हैं। व्हाट्सअप ग्रुप पर हमले की साजिश रचने की बात को एबीवीपी ने साजिश करार दिया है और इस घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

राजनीतिक आरोप तेज

दिल्ली विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के बीच छात्रों-प्रोफेसरों पर हमले की घटना ने राजनीतिक रंग अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे छात्रों की आवाज दबाने की साजिश करार दिया है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने इस मसले पर उपराज्यपाल से बात की है और स्थिति को कंट्रोल करने के लिए अनुरोध किया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस घटना को वामपंथी दलों की निराशाजनक हताशा करार दिया है। उन्होंने घटना के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।