Vikrant Shekhawat : Oct 04, 2024, 12:59 PM
India-Maldives News: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर अब ठंडे पड़ गए हैं, और अब वे भारत के साथ संबंधों में सुधार के लिए नई दिल्ली की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। एएनआई के सूत्रों के अनुसार, मुइज्जू 7 अक्टूबर से दिल्ली का दौरा कर सकते हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है।भारत-मालदीव संबंधों का उथल-पुथलराष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के बीच तनाव बढ़ गया था। उनकी सरकार के शुरुआती दिनों में भारत के प्रति उनकी नकारात्मकता ने दोनों देशों के संबंधों में खटास पैदा कर दी थी। हाल ही में, मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने दावा किया कि मुइज्जू ने भारत के साथ अपनी गलतफहमियों को दूर कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।जमीर ने बताया कि राष्ट्रपति मुइज्जू को भारत के प्रति कुछ गलतफहमियां थीं, जो अब समाप्त हो गई हैं। उनका कहना था कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद से दोनों देशों के बीच गलतफहमियों का समाधान हुआ है। पहले, मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के लिए अभियान छेड़ा था, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव बढ़ गया था। लेकिन अब, दोनों पक्षों के बीच संवाद और सहमति के बाद भारतीय सैनिकों की जगह तकनीकी कर्मियों की तैनाती की गई है।मुइज्जू की पहली विदेश यात्रा का चुनावराष्ट्रपति मुइज्जू ने पद संभालने के बाद अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत नई दिल्ली की यात्रा नहीं की थी। उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा तुर्किये की और उसके बाद जनवरी में चीन गए। हालांकि, उन्होंने 9 जून को प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था।पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियांमुइज्जू के सत्ता में आते ही उनके तीन उप मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को और भी प्रभावित किया। इस पर मालदीव के विदेश मंत्रालय ने स्पष्टता प्रदान करते हुए खुद को इन टिप्पणियों से अलग कर लिया था। बाद में, उन तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था।निष्कर्षमोहम्मद मुइज्जू की संभावित दिल्ली यात्रा भारत और मालदीव के बीच संबंधों में सुधार की एक नई दिशा हो सकती है। यदि मुइज्जू वास्तव में 7 अक्टूबर को नई दिल्ली आते हैं, तो यह संकेत देगा कि दोनों देश अपने आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए एक सकारात्मक रास्ता खोज रहे हैं। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को भी बढ़ावा दे सकती है।