Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2024, 08:48 AM
India-Maldives News: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में चार दिन की भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचकर एक नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं। चीन समर्थक के रूप में पहचाने जाने वाले मुइज्जू ने भारत के प्रति अपनी वफादारी का संदेश देकर राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव किया है। यह संकेत स्पष्ट रूप से दिया गया है कि मालदीव भारत की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का खतरा पैदा नहीं करेगा।भारत-मालदीव संबंधों में बदलाव की बयारराष्ट्रपति मुइज्जू का यह कदम उनके राष्ट्र के आर्थिक संकट से निपटने के प्रयास का हिस्सा है। मालदीव इस समय गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है, और देश का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 440 मिलियन डॉलर तक गिर चुका है। ऐसे में, मुइज्जू का भारत के साथ अपने संबंधों को फिर से सुदृढ़ करने का प्रयास महत्वपूर्ण है। यह इसलिए भी खास है क्योंकि हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था, जब मालदीव ने भारतीय सैनिकों को वापस जाने का आदेश दिया था और मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।'भारत हमारा मित्र और साझेदार है'राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत पहुंचने पर एक प्रमुख अखबार से बात करते हुए कहा, "मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचे। भारत हमारा मूल्यवान मित्र और साझेदार है, और हमारे संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित हैं।" मुइज्जू का यह बयान स्पष्ट रूप से चीन को संकेत देता है कि मालदीव के भारत के साथ संबंध उसकी प्राथमिकता हैं, भले ही वह चीन के साथ सहयोग बढ़ाने की बात करता हो।भारतीय सैनिकों की वापसी पर स्पष्टीकरणभारतीय सैनिकों की वापसी के आदेश पर सवाल किए जाने पर मुइज्जू ने इसे घरेलू प्राथमिकताओं से जोड़ते हुए कहा कि मालदीव ने वह किया जो उसके नागरिकों की मांग थी। "हमने पिछले समझौतों की समीक्षा की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हों और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान दें।" उनका यह रुख बताता है कि मालदीव अब अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, लेकिन साथ ही क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत के साथ सहयोग जारी रखना चाहता है।चीन के प्रति मुइज्जू का बदला रुखराष्ट्रपति मुइज्जू का रुख चीन समर्थक होते हुए भी अब भारत की ओर झुकता हुआ दिखाई दे रहा है। इसका कारण मालदीव की आर्थिक स्थिति भी है, जिसमें उसे भारत से मदद की उम्मीद है। चीन के साथ उसके संबंध आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मुइज्जू यह साफ कर रहे हैं कि इससे भारत की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होगा।आर्थिक संकट और भारत का समर्थनमालदीव के आर्थिक संकट के बीच, मुइज्जू का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। भारत की ओर से वित्तीय सहायता और कर्ज पुनर्गठन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जो मालदीव की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होंगे।राष्ट्रपति मुइज्जू के इस बदले हुए रुख को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत और मालदीव के संबंध आने वाले समय में और मजबूत हो सकते हैं, जहां दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा और आर्थिक हितों को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ेंगे।