Iran-USA Conflict / ट्रंप की 'भीषण बमबारी' की धमकी के बाद ईरान मिसाइल दागने के लिए तैयार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर वह परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता तो उसे बमबारी और आर्थिक दबाव झेलना होगा। ईरान ने भी मिसाइल हमले की तैयारी कर ली है। ऐसे में दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष की आशंका बढ़ गई है।

Iran-USA Conflict: दुनिया एक और बड़े युद्ध की कगार पर खड़ी दिख रही है। अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वह नए परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता, तो उसे भारी बमबारी और आर्थिक दबाव सहित गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके जवाब में, ईरान ने भी अपने सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए मिसाइल हमले के लिए तैयार रहने की घोषणा की है।

ईरान की प्रतिक्रिया और युद्ध की संभावनाएँ

तेहरान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने अपनी भूमिगत मिसाइल सिटी में सभी लॉन्चरों को लोड कर लिया है और किसी भी हमले के लिए तैयार है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से ईरान ने मिसाइल हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन देश की आक्रामक तैयारियों से यह साफ है कि वह किसी भी संभावित हमले के लिए मुस्तैद है।

ईरान ने दिया ट्रंप को दोहरा झटका

हाल ही में, ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करने से इनकार कर दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है जब अमेरिका, यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले कर रहा है। इस स्थिति में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की संभावना और अधिक बढ़ गई है।

ट्रंप की खुली धमकी

रविवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी मंशा साफ करते हुए कहा कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर समझौता नहीं करता है, तो उस पर बमबारी की जाएगी। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वह ईरान पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के लिए भी तैयार हैं। एनबीसी न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "यदि वे समझौता नहीं करते हैं, तो बमबारी होगी। लेकिन इस बात की भी संभावना है कि यदि वे समझौता नहीं करते हैं, तो मैं उन पर सेकेंडरी टैरिफ लगा दूंगा, जैसा मैंने चार साल पहले किया था।"

परमाणु समझौते की जटिलता

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया था। इस समझौते के तहत ईरान को प्रतिबंधों में राहत दी गई थी, लेकिन बदले में उसकी विवादास्पद परमाणु गतिविधियों पर सख्त रोक लगाई गई थी। अमेरिका के बाहर होने के बाद, ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर दिया और यूरेनियम का भंडार बढ़ा लिया।

क्या दुनिया एक और युद्ध के कगार पर है?

ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि दुनिया एक और बड़े युद्ध की ओर बढ़ रही है। यदि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समाधान नहीं निकलता है, तो यह संघर्ष मध्य पूर्व क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को अस्थिर कर सकता है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर गंभीरता से विचार करना होगा और एक शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में प्रयास करने होंगे। अन्यथा, यह टकराव न केवल दोनों देशों, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।