Live Hindustan : Sep 22, 2019, 07:07 AM
'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के लिए शनिवार को ह्यूस्टन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे और मोदी 50,000 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी लोगों को संबोधित करेंगे। रविवार को यहां एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम का आयोजन होगा। पोप को छोड़कर, किसी निर्वाचित विदेशी नेता के अमेरिका दौरे पर लोगों का यह सबसे बड़ा जमावड़ा होगा।
वह भारत-अमेरिका ऊर्जा भागीदारी को बढ़ावा देने के मकसद से अग्रणी अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों के अधिकारियों के साथ मुलाकात की।15 साल में 4.5% बढ़ेगी ऊर्जा खपत : सूत्रों की मानें तो भारत में अगले 15 वर्षों में साढ़े चार फीसदी के आसपास की दर से ऊर्जा खपत बढ़ेगी। अगले 20 वर्षों के लिए एक अनुमान के मुताबिक विश्व भर में ऊर्जा खपत का करीब दस से 11% तक भारत में खर्च हो सकता है। इस लिहाज से भारत में ऊर्जा का एक बड़ा बाजार है। ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक व नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र सबसे बड़ा जरिया हो सकता है।175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य : भारत ने 2022 तक करीब 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इसमें सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 100 गीगावॉट तय की गई है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है। सूत्रों ने कहा कि भारत और अमेरिका ने 2017 में ऊर्जा क्षेत्र में हुए रणनीतिक समझौते के बाद से लंबी छलांग लगाई है। दोनों देश ऊर्जा सहयोग के लिए मजबूती से अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई है।
वह भारत-अमेरिका ऊर्जा भागीदारी को बढ़ावा देने के मकसद से अग्रणी अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों के अधिकारियों के साथ मुलाकात की।15 साल में 4.5% बढ़ेगी ऊर्जा खपत : सूत्रों की मानें तो भारत में अगले 15 वर्षों में साढ़े चार फीसदी के आसपास की दर से ऊर्जा खपत बढ़ेगी। अगले 20 वर्षों के लिए एक अनुमान के मुताबिक विश्व भर में ऊर्जा खपत का करीब दस से 11% तक भारत में खर्च हो सकता है। इस लिहाज से भारत में ऊर्जा का एक बड़ा बाजार है। ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक व नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र सबसे बड़ा जरिया हो सकता है।175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य : भारत ने 2022 तक करीब 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इसमें सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 100 गीगावॉट तय की गई है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है। सूत्रों ने कहा कि भारत और अमेरिका ने 2017 में ऊर्जा क्षेत्र में हुए रणनीतिक समझौते के बाद से लंबी छलांग लगाई है। दोनों देश ऊर्जा सहयोग के लिए मजबूती से अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई है।
इससे पहले ह्यूस्टन के जॉर्ज बुश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने ट्वीट किया, ''हाउडी ह्यूस्टन ! यहां ह्यूस्टन में दोपहर है। आज और कल इस गतिशील और ऊर्जावान शहर में कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला को लेकर उत्सुक हूं।" भारत में अमेरिकी दूत केनेथ जस्टर, अमेरिका में भारतीय दूत हर्षवर्द्धन श्रृंगला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की अगवानी की।Further energising India-USA friendship.
— PMO India (@PMOIndia) September 21, 2019
Among the first engagements of PM @narendramodi in Houston is a meeting with CEOs from the energy sector.
India and USA are looking to diversify cooperation in this sector. pic.twitter.com/uqlozcTOAZ
अगले 24 घंटे में ह्यूस्टन में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ''हाउडी मोदी" कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकी समुदाय और उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे। अमेरिका रवाना होने से पहले मोदी ने एक बयान में कहा था कि ह्यूस्टन के कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा पहली बार होगा कि मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से दिखाया गया विशेष भाव भारत और अमेरिका के बीच विशेष मित्रता को रेखांकित करता है। यह संबंधों की मजबूती को दर्शाता है तथा अमेरिकी समाज और अर्थव्यवस्था में भारतीय समुदाय के योगदान को प्रदर्शित करता है। ह्यूस्टन के बाद मोदी न्यूयॉर्क जाएंगे जहां वह 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करेंगे।मोदी मंगलवार को ट्रंप से न्यूयॉर्क में मिलेंगे। पिछले चार महीने में दोनों नेताओं की यह चौथी बैठक होगी। न्यूयार्क की बैठक से आगामी वर्षों के लिए दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय होने की संभावना है। उम्मीद है कि दोनों नेता बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार विवाद के समाधान के प्रयास, रक्षा और ऊर्जा समझौते और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया सहित विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं।Howdy Houston!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2019
It’s a bright afternoon here in Houston.
Looking forward to a wide range of programmes in this dynamic and energetic city today and tomorrow. pic.twitter.com/JxzWtuaK5x