Vikrant Shekhawat : Mar 26, 2022, 01:52 PM
श्रीलंका इन दिनों महंगाई और विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा है। देश पर एक और आफत तब आई जब दो दो प्रमुख समाचारपत्रों ने अखबारी कागज की कमी के चलते अपने प्रकाशन को निलंबित कर दिया। श्रीलंका इन दिनों महंगाई और विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा है। देश पर एक और आफत तब आई जब दो-दो प्रमुख समाचारपत्रों ने अखबारी कागज की कमी के चलते अपने प्रकाशन को निलंबित कर दिया। निजी स्वामित्व वाले उपाली समाचार पत्र ने कहा कि उनके अंग्रेजी भाषा का दैनिक द आइलैंड और उसका सिंहली संस्करण दीवैना, अखबारी कागज की कमी को देखते हुए केवल ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।श्रीलंका अपने अब तक के सबसे खराब विदेशी मुद्रा संकट के दौर मेंउपाली न्यूजपेपर्स लिमिटेड ने एक बयान में कहा, हमें अपने पाठकों को यह बताते हुए खेद है कि हमें शनिवार को द आइलैंड प्रिंट संस्करण के प्रकाशन को अगले नोटिस तक स्थगित करने के लिए मजबूर किया गया है। महामारी के कारण पर्यटन और प्रेषण से देश की कमाई पर असर पड़ने के बाद श्रीलंका अपने अब तक के सबसे खराब विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई रुपया जारी करने के सरकार के फैसले के बाद से अखबारी कागज की आयात लागत में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। द आइलैंड अखबार, जो अक्टूबर 1981 से प्रिंट में है, अब एक ई-पेपर के रूप में कार्य करेगा।पेट्रोलियम की कीमतें आसमान छू गईदेश के विदेशी मुद्रा संकट के बीच पेट्रोलियम की कीमतें आसमान छू गई हैं। कुछ दिनों पहले श्रीलंका से ऐसी तस्वीरे आईं कि लोग पेट्रोल खरीदने के लिए पेट्रोल पंप पर टूट पड़े हैं और लोगों को नियंत्रित करने के लिए सेना बुलानी पड़ी। हजारों लोग घंटों तक कतार में इंतजार करके तेल खरीद रहे हैं। पुलिस ने कहा कि बीते शनिवार को पेट्रोल खरीदने के लिए कतार में खड़े तीन बुजुर्गों की मौत हो गई है। देश में डॉलर की कमी ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। फरवरी में रिकॉर्ड 17.5 प्रतिशत मुद्रास्फीति के साथ कीमतें आसमान छू रही हैं।