Vikrant Shekhawat : Sep 22, 2024, 11:14 PM
Sri Lanka News: मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने रविवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया। श्रीलंका के चुनाव आयोग ने दूसरे दौर की मतगणना के बाद उन्हें विजेता घोषित किया। 56 वर्षीय दिसानायके ने समागी जना बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को पराजित किया, जो उनके सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे। दिसानायके अब श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति बनेंगे और सोमवार को शपथ ग्रहण करेंगे।मौजूदा राष्ट्रपति विक्रमसिंघे हुए बाहरमौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे, पहले दौर की मतगणना में ही बाहर हो गए। विक्रमसिंघे ने पिछले दो वर्षों में श्रीलंका के आर्थिक सुधारों पर जोर दिया था, लेकिन जनता का समर्थन हासिल करने में असफल रहे।विक्रमसिंघे ने चुनाव के बाद एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके, मैं श्रीलंका के प्यारे बच्चे को आपकी देखभाल में सौंप रहा हूं। मैं चाहता हूं कि आप इस बच्चे को सुरक्षित रूप से उसके गंतव्य तक पहुंचाएं।" यह बयान प्रतीकात्मक रूप से श्रीलंका के भविष्य को दिसानायके की जिम्मेदारी में सौंपने का संकेत था।चुनावी प्रक्रियाशनिवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में मतगणना के पहले दौर में किसी उम्मीदवार को आवश्यक 50% से अधिक मत नहीं मिले। इसके कारण चुनाव आयोग ने दूसरे चरण की मतगणना का आदेश दिया, जिसमें मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने जीत हासिल की।श्रीलंका के पहले मार्क्सवादी राष्ट्रपतिअनुरा कुमारा दिसानायके, जिन्हें श्रीलंका में "AKD" के नाम से भी जाना जाता है, श्रीलंका के पहले मार्क्सवादी राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उनकी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) लंबे समय से हाशिये पर थी, लेकिन इस जीत ने पार्टी को एक नई पहचान दी है। दिसानायके के नेतृत्व में पार्टी का उदय भ्रष्टाचार विरोधी और राजनीतिक संस्कृति में बदलाव की मांगों पर आधारित रहा है।युवाओं का समर्थनदिसानायके के भ्रष्टाचार विरोधी नारे और राजनीतिक बदलाव के वादों ने खासतौर पर युवा मतदाताओं को आकर्षित किया। श्रीलंका के आर्थिक संकट के बाद से युवाओं में व्यवस्था परिवर्तन की मांग जोर पकड़ चुकी थी, और दिसानायके ने इस भावना का फायदा उठाया। उनके पक्ष में भारी संख्या में युवाओं ने मतदान किया, जो उनके चुनावी अभियान की बड़ी सफलता रही।अनुरा कुमारा दिसानायके की पृष्ठभूमिउत्तर मध्य प्रांत के ग्रामीण थंबुत्तेगामा से ताल्लुक रखने वाले अनुरा कुमारा दिसानायके ने कोलंबो उपनगरीय केलानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की है। वे 1987 में JVP (जनता विमुक्ति पेरामुना) में शामिल हुए थे, जब श्रीलंका में भारत विरोधी विद्रोह चरम पर था। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ और जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है।निष्कर्षअनुरा कुमारा दिसानायके की जीत श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव दर्शाती है। एक मार्क्सवादी नेता के रूप में उनका राष्ट्रपति पद तक पहुंचना, खासकर देश की आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों के समय, यह दिखाता है कि जनता नई नेतृत्व शैली और राजनीतिक दृष्टिकोण की तलाश में है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिसानायके अपने वादों और बदलाव की उम्मीदों को कैसे पूरा करेंगे।