- भारत,
- 17-Apr-2025 09:04 AM IST
Vladimir Putin: बुधवार शाम क्रेमलिन परिसर एक भावनात्मक क्षण का साक्षी बना, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमास द्वारा रिहा किए गए तीन बंधकों से मुलाकात की। इन बंधकों में साशा ट्रूफ़ानोव, उनकी मां एलेना ट्रूफ़ानोवा और साथी पूर्व बंदी सपिर कोहेन शामिल थीं। यह मुलाकात केवल एक औपचारिक शिष्टाचार नहीं थी, बल्कि एक मानवीय क्षण था, जिसमें पीड़ा, उम्मीद और कूटनीति का गहरा मिश्रण नजर आया।
पुतिन ने बंधकों से बातचीत करते हुए उन्हें रिहाई के लिए बधाई दी और बताया कि यह सफलता रूस की फिलिस्तीनी संगठनों और प्रतिनिधियों के साथ लंबे और स्थिर रिश्तों की वजह से संभव हो सकी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "हमें हमास का आभार व्यक्त करना चाहिए, जिन्होंने इस मानवीय प्रयास में सहयोग किया।"
498 दिनों की पीड़ा
बंधक रह चुके साशा ट्रूफ़ानोव ने राष्ट्रपति पुतिन को बताया कि उन्हें गाजा में 498 दिनों तक हिरासत में रखा गया था। उनकी मां एलेना और साथी कोहेन को 7 अक्टूबर 2023 को किबुत्ज़ नीर ओज़ से अगवा किया गया था। उस दिन हमास के नेतृत्व वाले हमले में साशा के पिता विटाली मारे गए थे, जबकि उनकी दादी इरेना ताती भी बंधक बनी थीं।
नवंबर 2023 में हुए अस्थायी युद्धविराम के दौरान तीनों महिलाओं को रिहा कर दिया गया। लेकिन वो दर्द, भय और अनिश्चितता के दिन अब भी उनकी आँखों में साफ झलकते हैं। पुतिन ने इस अवसर पर बाकी बंधकों की जल्द रिहाई की कामना करते हुए कहा, "मैं चाहता हूँ कि जो लोग अब भी बंधक हैं, जल्द सुरक्षित लौटें।"
राजनयिक प्रयास और रूस की भूमिका
यह मुलाकात केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं थी, बल्कि इसने रूस की वैश्विक कूटनीतिक स्थिति और उसकी मध्यस्थता की भूमिका को भी उजागर किया। रूसी विदेश मंत्रालय ने फरवरी में हमास के वरिष्ठ अधिकारियों से मास्को में मुलाकात की थी। उस वक्त एक उप रूसी विदेश मंत्री ने ट्रूफ़ानोव और एक अन्य बंधक मैक्सिम हर्किन की रिहाई के लिए हमास पर दबाव डाला था।
इजरायल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह बातचीत ट्रूफ़ानोव की रिहाई के कुछ दिन पहले ही हुई थी। मैक्सिम हर्किन, जो यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र से हैं और जिनके रूसी संबंध हैं, अब भी हमास की कैद में बताए जा रहे हैं।
भावनात्मक जुड़ाव और मानवीय संदेश
क्रेमलिन की यह मुलाकात यह भी दर्शाती है कि वैश्विक राजनीति केवल रणनीतियों और गठबंधनों का खेल नहीं, बल्कि उसमें मानवीय पहलू भी गहराई से जुड़े होते हैं। पुतिन की उपस्थिति और उनका बंधकों से सीधा संवाद इस बात का संकेत है कि रूस ऐसे मानवीय मामलों में भी अपनी भूमिका को गंभीरता से निभा रहा है।