Russia Ukraine War / ट्रंप के साथ सीजफायर डील पर पुतिन चर्चा के लिए हुए तैयार, रखी ये शर्त

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन युद्धविराम समझौते पर अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत करने की इच्छा जताई है। हालांकि, पुतिन ने रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में किसी रियायत से इनकार किया है। ट्रंप को शांति वार्ता में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।

Vikrant Shekhawat : Nov 21, 2024, 01:00 AM
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के समाप्ति की दिशा में एक नया मोड़ आया है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ युद्धविराम समझौते पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रूस यूक्रेन के साथ संघर्ष को रोकने के लिए सहमत हो सकता है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ।

रूस की शर्तें: क्षेत्रीय नियंत्रण और नाटो की सदस्यता

पुतिन ने स्पष्ट किया है कि रूस किसी भी प्रमुख क्षेत्र पर रियायत देने के लिए तैयार नहीं है, और भविष्य में यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने की संभावना को सिरे से खारिज किया गया है। रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में डोनाल्ट्स, लुहांस्क, जैपोरीझिया, और खेरसॉन के बारे में बातचीत की संभावना जताई जा रही है, लेकिन रूस इन क्षेत्रों को अपनी संप्रभुता का हिस्सा मानता है।

युद्धविराम पर सहमति का संकट

हालांकि, पुतिन युद्धविराम समझौते पर सहमत हो सकते हैं, वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अस्थायी युद्धविराम पश्चिमी देशों को यूक्रेन को फिर से सशस्त्र करने का मौका दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी समझौते में ज़मीनी हकीकत को ध्यान में रखना जरूरी है।

ट्रंप की भूमिका

रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्तावित शांति समझौते पर पुतिन की सहमति पर कई सवाल उठ रहे हैं। ट्रंप के पूर्व संचार निदेशक स्टीवन चेउंग का मानना है कि केवल ट्रंप ही दोनों पक्षों को शांति वार्ता के लिए एक साथ ला सकते हैं और युद्ध को समाप्त करने में मदद कर सकते हैं।

संवेदनशील मुद्दे और रियायतें

युद्धविराम समझौते की प्रक्रिया में कुछ संवेदनशील मुद्दों जैसे कि क्षेत्रीय नियंत्रण, यूक्रेन की नाटो सदस्यता, और भविष्य में किसी भी संघर्ष के पुनरुत्थान को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। अगर ट्रंप इस प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाते हैं, तो शायद युद्ध समाप्ति के आसार नजर आएं, लेकिन यह सब पुतिन की शर्तों और पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।

इस बीच, रूस का कहना है कि यूक्रेन से खतरे का स्रोत बाल्टिक सागर क्षेत्र से आता है, और इस मुद्दे पर रूस के खिलाफ लगाए गए आरोपों को बेतुका और हास्यास्पद बताया गया है। ऐसे में, युद्धविराम की दिशा में अगर कोई ठोस कदम उठाया जाता है, तो वह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।