Vikrant Shekhawat : Dec 13, 2024, 01:00 AM
Russia-Ukraine News: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने एक और गंभीर मोड़ ले लिया है। हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्वी यूक्रेन के महत्वपूर्ण शहर पोक्रोवस्क के आसपास लड़ाई और भीषण हो गई है। यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर ने बताया कि रूसी सेना अब इस रणनीतिक शहर से कुछ ही किलोमीटर दूर है, जिससे यह क्षेत्र युद्ध का केंद्र बन गया है।
"रूसी सेना अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। हमारे सैनिक संख्या में कम हैं, लेकिन हम उनकी हर कोशिश को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।"
सिरस्की ने यह भी बताया कि रूसी सेना की रणनीति में ग्लाइड बम और अन्य भारी हथियारों का व्यापक उपयोग शामिल है, जो यूक्रेनी सुरक्षा को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं।
यूक्रेन के सामने इस समय न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी बड़ी चुनौतियां हैं। पोक्रोवस्क की रक्षा करना केवल एक सैन्य मिशन नहीं है, बल्कि यह यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा का प्रतीक है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन यूक्रेन के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
पोक्रोवस्क: एक अहम रक्षात्मक गढ़
पोक्रोवस्क, जिसकी आबादी फरवरी 2022 में युद्ध से पहले करीब 60,000 थी, यूक्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षात्मक गढ़ माना जाता है। यदि रूस इस क्षेत्र पर कब्जा कर लेता है, तो यूक्रेन की पूर्वी सीमाओं की रक्षा क्षमता कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, यह रूसी सेना को और गहराई तक प्रवेश करने का मार्ग प्रदान करेगा।रूसी हमलों का बढ़ता दबाव
यूक्रेनी जनरल स्टाफ ने गुरुवार को बताया कि बीते 24 घंटों में, पोक्रोवस्क के आसपास रूसी सेना ने लगभग 40 हमले किए, जिन्हें यूक्रेनी बलों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया। हालांकि, रूसी सेना अपनी ताकत को केंद्रित कर, ग्लाइड बम और भारी गोलाबारी का उपयोग करते हुए यूक्रेनी सुरक्षा तोड़ने का प्रयास कर रही है।यूक्रेनी सेना का बयान
यूक्रेनी सेना प्रमुख जनरल ओलेक्सांद्र सिरस्की ने फेसबुक पर साझा किए गए एक पोस्ट में कहा,"रूसी सेना अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। हमारे सैनिक संख्या में कम हैं, लेकिन हम उनकी हर कोशिश को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।"
सिरस्की ने यह भी बताया कि रूसी सेना की रणनीति में ग्लाइड बम और अन्य भारी हथियारों का व्यापक उपयोग शामिल है, जो यूक्रेनी सुरक्षा को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और सैन्य सहायता का संकट
यूक्रेन के लिए एक और चिंता का विषय यह है कि अमेरिका से मिलने वाली अरबों डॉलर की सैन्य सहायता, जो अब तक रूस के खिलाफ उसकी लड़ाई में सहायक रही है, नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में प्रभावित हो सकती है। अमेरिकी सहायता में किसी भी कमी का सीधा असर यूक्रेन की रक्षात्मक क्षमताओं पर पड़ेगा, जिससे रूस के लिए अपने अभियान को बढ़ाना आसान हो सकता है।क्या है आगे का रास्ता?
विश्लेषकों का मानना है कि पोक्रोवस्क के आसपास की लड़ाई आने वाले दिनों में और भीषण हो सकती है। यदि रूस इस क्षेत्र पर कब्जा करता है, तो यह न केवल यूक्रेन के लिए एक सामरिक हार होगी, बल्कि इसके अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन जाएगी।निष्कर्षयूक्रेन के सामने इस समय न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी बड़ी चुनौतियां हैं। पोक्रोवस्क की रक्षा करना केवल एक सैन्य मिशन नहीं है, बल्कि यह यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा का प्रतीक है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन यूक्रेन के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।