Vikrant Shekhawat : Jan 11, 2025, 02:40 PM
Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने प्रशासन के अंतिम चरण में रूस के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए नए ऊर्जा प्रतिबंधों की घोषणा की है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस की अर्थव्यवस्था को झटका देना और यूक्रेन को अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में मदद करना है।
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने अब तक रूस पर कई बड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिनका असर रूसी अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई दे रहा है। उनका मानना है कि ये नए प्रतिबंध पुतिन के लिए युद्ध जारी रखना और भी कठिन बना देंगे। शुक्रवार को की गई इस घोषणा के तहत उन सभी कंपनियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो रूस को ऊर्जा निर्यात में सहयोग करती हैं। खासतौर पर गैस सेक्टर को लक्षित किया गया है। इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य रूस की आर्थिक ताकत को कमजोर करना और उसे युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर करना है।भारतीय कंपनियां भी प्रतिबंधित सूची मेंअमेरिका द्वारा जारी की गई प्रतिबंध सूची में दो भारतीय कंपनियों का भी नाम शामिल है। ये कंपनियां हैं ‘स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज’ और ‘एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज’। इन पर आरोप है कि ये कंपनियां रूस को गैस निर्यात में सहयोग कर रही थीं। अमेरिकी प्रशासन ने इन कंपनियों पर पाबंदी लगाते हुए कहा कि उनका सहयोग रूसी ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत कर रहा था। बाइडेन ने स्पष्ट किया कि इन प्रतिबंधों का मकसद रूस की ऊर्जा आपूर्ति को सीमित करना है, ताकि उसकी युद्धक्षमता को प्रभावित किया जा सके।रूस की ऊर्जा आपूर्ति पर बड़ा असरव्हाइट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बाइडेन ने कहा कि इन प्रतिबंधों से पुतिन की परेशानियां बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, “पुतिन पहले से ही कई आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन्हें अपने आक्रामक कार्यों को जारी रखने का मौका न मिले।” बाइडेन ने कहा कि इन प्रतिबंधों से रूस की ऊर्जा आपूर्ति पर गहरा असर पड़ेगा और इससे युद्ध जारी रखना उनके लिए कठिन हो जाएगा।बाइडेन ने यह भी स्वीकार किया कि इन प्रतिबंधों का असर अमेरिका और अन्य देशों पर भी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि गैस की कीमतों में 0.03 से 0.04 अमेरिकी डॉलर प्रति गैलन तक की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कीमत वृद्धि रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर करने के लिए जरूरी है।यूक्रेन की मदद जारी रहेगीबाइडेन प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि अमेरिका यूक्रेन की मदद के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ यह कार्रवाई यूक्रेन को अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने में मदद करने के लिए की गई है। यह प्रतिबंध उस समय लगाए गए हैं, जब रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से युद्ध जारी है।डोनाल्ड ट्रंप का रुखनवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही राष्ट्रपति पद संभालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस युद्ध को जल्द समाप्त करने का संकल्प लिया है। हालांकि, बाइडेन का मानना है कि रूस पर दबाव बनाए रखना और उसके ऊर्जा क्षेत्र को कमजोर करना युद्ध समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।ट्रंप की योजना इस युद्ध को कूटनीतिक माध्यम से हल करने की है, लेकिन बाइडेन प्रशासन का दृष्टिकोण है कि रूस पर आर्थिक दबाव बनाए बिना युद्ध समाप्त करना संभव नहीं है।पुतिन के लिए कठिन समयबाइडेन ने कहा कि पुतिन के सामने अब कठिन समय है। रूस के खिलाफ बढ़ते प्रतिबंधों से उनकी स्थिति कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा, “पुतिन के पास अब सीमित विकल्प हैं। उनकी आर्थिक और राजनीतिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है।”इन प्रतिबंधों का असर रूस के ऊर्जा बाजार पर गहरा पड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की ऊर्जा आपूर्ति में रुकावट आने से वैश्विक बाजार पर भी असर होगा, लेकिन इससे रूस की युद्धक्षमता को कमजोर करने का उद्देश्य सफल हो सकता है।