Maharashtra Election / राज ठाकरे करारी हार के बाद टेंशन में, रद्द हो सकती है MNS की मान्यता

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की मान्यता रद्द हो सकती है। चुनाव आयोग के नियमों के तहत, मनसे को केवल 1.55% वोट मिले और एक भी सीट नहीं जीत पाई। राज ठाकरे ने आगामी रणनीति पर चर्चा करने के लिए पार्टी बैठक बुलाई है।

Vikrant Shekhawat : Nov 25, 2024, 03:10 PM
Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे की पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे), को मिली करारी हार ने उनकी राजनीतिक स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी न केवल एक भी सीट जीतने में असफल रही, बल्कि चुनाव आयोग के नियमों के तहत उसकी मान्यता रद्द होने का खतरा भी पैदा हो गया है। राजनीति के जानकारों के अनुसार, चुनाव में यदि कोई पार्टी एक विधानसभा सीट या 8 प्रतिशत वोट शेयर हासिल नहीं करती है, तो चुनाव आयोग उसकी मान्यता रद्द कर सकता है, और इस बार मनसे इन दोनों मापदंडों को पूरा नहीं कर पाई।

राज ठाकरे का संकट: चुनाव आयोग से मान्यता रद्द होने का खतरा

महाराष्ट्र में मनसे के चुनावी प्रदर्शन को लेकर राजनीति के गलियारों में चर्चा हो रही है कि चुनाव आयोग राज ठाकरे की पार्टी की मान्यता रद्द कर सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि मनसे को विधानसभा चुनाव में कितने वोट मिले हैं और क्या पार्टी ने कम से कम एक सीट जीती है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, पार्टी को कम से कम एक सीट या 8 प्रतिशत वोट हासिल करना अनिवार्य है, लेकिन मनसे केवल 1.55 प्रतिशत वोट हासिल कर पाई, जो पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा देता है।

राज ठाकरे का परिवार भी चुनाव में नाकाम

राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे के लिए भी यह चुनाव एक बड़ा धक्का साबित हुआ। उन्होंने माहिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। अमित ठाकरे इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे और महज 33,062 वोट ही जुटा सके। दूसरी तरफ, उद्धव गुट के नेता महेश सावत ने उन्हें हरा दिया, और अजित गुट के नेता सदा सरवणकर भी उनसे आगे रहे। इस हार से यह साफ हो गया कि मनसे न केवल अपनी ताकत से, बल्कि ठाकरे परिवार की प्रतिष्ठा को भी बचा नहीं पाई।

महाराष्ट्र चुनाव में अन्य दलों की स्थिति

महाराष्ट्र में इस बार के विधानसभा चुनाव में महायुति (बीजेपी और सहयोगी दलों) को जबरदस्त जीत मिली है। बीजेपी ने 132 सीटों के साथ एक ऐतिहासिक प्रदर्शन किया, जबकि शिंदे गुट की शिवसेना को 57 और अजित गुट की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। एनडीए गठबंधन ने कुल 230 सीटों पर जीत हासिल की। इसके मुकाबले, महाविकास अघाड़ी (यूबीटी) को सिर्फ 46 सीटें मिलीं, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 20, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी को 10 सीटें मिलीं। अन्य दलों और निर्दलीयों ने बाकी की 12 सीटें जीतीं।

राज ठाकरे की बैठक: रणनीति पर मंथन

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद राज ठाकरे की स्थिति पर चिंता का माहौल है। इस तनाव के बीच, उन्होंने आज अपने घर पर पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में चुनावी परिणामों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जा सकती है। मनसे की हार और उसके बाद के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर राज ठाकरे को अब गंभीर सवालों का सामना करना पड़ रहा है, और ऐसे में पार्टी के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

निष्कर्ष

राज ठाकरे के लिए यह चुनाव न केवल व्यक्तिगत बल्कि पार्टी के भविष्य के लिए भी एक बड़ा झटका साबित हुआ है। मान्यता रद्द होने का संकट और पार्टी के खराब चुनावी प्रदर्शन ने उनकी सियासी स्थिति को मुश्किल बना दिया है। आगामी दिनों में राज ठाकरे को इस संकट से उबरने और पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने के लिए रणनीतियों पर काम करना होगा। वहीं, महाराष्ट्र में बीजेपी की अभूतपूर्व जीत ने यह साफ कर दिया है कि राज्य की राजनीति में अब बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना का दबदबा मजबूत हो गया है।