नई दिल्ली / राज्यसभा के मार्शलों की सेना जैसी नई यूनिफॉर्म की होगी समीक्षा: उप-राष्ट्रपति

राज्यसभा के मार्शलों की सेना से मिलती-जुलती नई यूनिफॉर्म की आलोचना के बीच उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बताया कि उन्होंने तय किया है कि इस संबंध में वह सचिवालय को समीक्षा करने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा, "हमें कुछ सदस्यों और अन्य गणमान्य लोगों से इस वर्दी को लेकर कुछ आपत्तियों की जानकारी मिली है।"

Live Hindustan : Nov 19, 2019, 01:40 PM
राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने कहा कि राज्यसभा का सचिवालय विभिन्न सुझावों पर विचार करने के बाद मार्शल के लिए एक नया ड्रेस कोड लेकर आया। लेकिन हमें कुछ राजनीतिक के साथ-साथ अन्य लोगों द्वारा कुछ अवलोकन प्राप्त हुए हैं। मैंने सचिवालय से फिर से इसपर विचार करने को कहा।

बता दें आम तौर पर उच्च सदन की बैठक आसन की मदद करने वाले कलगीदार पगड़ी पहने किसी मार्शल के सदन में आकर यह पुकार लगाने से शुरू होती है कि ''माननीय सदस्यों, माननीय सभापति जी''।

लेकिन, सोमवार को इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय नीले रंग की ''पी-कैप'' थी। साथ ही उन्होंने नीले रंग की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी। कि इस बारे में किए गए उच्चस्तरीय फैसले के बाद मार्शल के लिये जारी ड्रेस कोड के तहत सदन में तैनात मार्शलों को कलगी वाली सफेद पगड़ी और पारंपरिक औपनिवेशिक परिधान की जगह अब गहरे नीले रंग की वर्दी और कैप को तय किया गया था। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार पिछले कई दशकों से चल रहे इस ड्रेस कोड में बदलाव की मांग मार्शलों ने ही की थी। उल्लेखनीय है कि सभापति सहित अन्य पीठासीन अधिकारियों की सहायता के लिये लगभग आधा दर्जन मार्शल तैनात होते हैं।