Rajya Sabha Today: संसद के शीतकालीन सत्र में आज एक बार फिर जोरदार हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए विपक्ष पर संसदीय परंपराओं का सम्मान न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ का अपमान किया है।
चेयरमैन पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद
जेपी नड्डा ने अपने बयान में आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है और उन्हें "चेयरलीडर" कहा। नड्डा ने इस बयान को न केवल असंसदीय बताया बल्कि इसे संसदीय मर्यादा के खिलाफ भी ठहराया। सरकार ने इस मामले में निंदा प्रस्ताव लाने की घोषणा की।जेपी नड्डा ने कहा, "कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जॉर्ज सोरोस का सोनिया गांधी से क्या संबंध है। चेयरमैन के प्रति इस प्रकार का रवैया अस्वीकार्य है, और इसे देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।"
मल्लिकार्जुन खरगे का पलटवार
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार सदन को चलाने में असफल रही है। खरगे ने कहा, "बीजेपी असली मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।"खरगे जब बोल रहे थे, उसी दौरान सदन में शोर-शराबा होने लगा, जिससे सभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी।
सदन के बाहर भी आरोप-प्रत्यारोप जारी
सदन स्थगित होने के बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ। संसद परिसर में जेपी नड्डा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "सभापति के फैसले पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। खरगे ने राज्यसभा चेयरमैन पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए, जो निंदनीय है। उन्हें सदन में और सभापति के चैंबर में अपनी बात रखने के कई अवसर दिए गए, लेकिन उन्होंने इनका बहिष्कार किया। इससे साफ है कि कांग्रेस का मकसद सदन में रचनात्मक सहयोग देना नहीं, बल्कि अराजकता फैलाना है।"
सभापति का निर्णय और कांग्रेस का रुख
दोपहर के सत्र के दौरान सभापति धनखड़ ने सदन में सूचीबद्ध कागजात और रिपोर्टें रखवाईं। इसके बाद छह मुद्दों पर नोटिस दिए गए, जिन्हें खारिज कर दिया गया। सभापति ने दिन के कार्यों को स्थगित करने की घोषणा की।कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का हनन बताया। पार्टी का कहना है कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी
संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। जहां सरकार विपक्ष पर अराजकता फैलाने और संसदीय मर्यादा का अपमान करने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रही है।यह हंगामा बताता है कि सत्र के बाकी दिन भी इसी तरह के तनावपूर्ण रह सकते हैं।