बेंगलुरु / कर्नाटक विधानसभा से स्पीकर रमेश कुमार का पद से इस्तीफा

येदियुरप्पा सरकार के बहुमत हासिल करने के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा था कि हमनें रमेश कुमार को पद छोड़ने के लिए कहा है। पारंपरिक रूप से स्पीकर का पद सत्तारूढ़ दल के किसी सदस्य के पास होता है। अगर रमेश कुमार स्वयं पद नहीं छोड़ते तो उनके खिलाफ सरकार अविश्वास प्रस्ताव ला सकती थी।

Dainik Bhaskar : Jul 29, 2019, 01:50 PM
बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को विधानसभा में ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल कर लिया। कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरने के बाद येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रस्ताव पेश करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि जब सिद्धारमैया और कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे, तब मैं किसी भी तरह से बदले की राजनीति में शामिल नहीं रहा। प्रशासनिक व्यवस्थाएं नाकाम हो चुकी थीं, हम सिर्फ अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। विरोध करने वालों से भी कोई बैर नहीं। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि येदियुरप्पा के साथ कभी जनादेश नहीं रहा। इसबीच, स्पीकर रमेश कुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया।

भाजपा ने स्पीकर को पद छोड़ने के लिए कहा था

येदियुरप्पा सरकार के बहुमत हासिल करने के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा था कि हमनें रमेश कुमार को पद छोड़ने के लिए कहा है। पारंपरिक रूप से स्पीकर का पद सत्तारूढ़ दल के किसी सदस्य के पास होता है। अगर रमेश कुमार स्वयं पद नहीं छोड़ते तो उनके खिलाफ सरकार अविश्वास प्रस्ताव ला सकती थी।

ये 17 विधायक अयोग्य ठहराए गए

कांग्रेस (14): प्रताप गौड़ा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवाराम हेब्बर, एसटी सोमाशेखरा, बी बस्वराज, आनंद सिंह, रोशन बेग, मुनिरत्ना, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रमेश जारकिहोली, महेश कुमाथल्ली और आर शंकर।   

जेडीएस (3): एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और के गोपालैया।

अयोग्य घोषित विधायक सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे

एच विश्वनाथ ने कहा, ‘‘स्पीकर का फैसला नियमों के खिलाफ है। सिर्फ एक व्हिप के आधार पर विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया। आप किसी विधायक को सदन में मौजूद रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। सोमवार को सभी विधायक सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाएंगे।’’ स्पीकर ने कहा है कि दल बदल कानून के तहत 23 मई 2023 तक सभी अयोग्य विधायकों की सदस्यता खत्म रहेगी। साथ ही उनके उपचुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।