विदेश / अफगानिस्तान के पुनर्गठन के लिए आर्थिक मदद देना शुरू करें: विश्व बैंक व आईएमएफ से चीन

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कहा है कि वे तालिबान शासित अफगानिस्तान के पुनर्गठन में मदद करें और उसके लिए फिर से आर्थिक मदद देना शुरू करें। उन्होंने आगे कहा, "अफगानिस्तान को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करना ज़रूरी है और यहां विकास सबसे अहम प्राथमिकता होनी चाहिए।"

Vikrant Shekhawat : Oct 29, 2021, 09:21 AM
बीजिंग: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से कहा है कि वो अफ़ग़ानिस्तान के पुनर्गठन में मदद करें और उसके लिए फिर से आर्थिक मदद देना शुरू करें.

वांग यी ने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करना ज़रूरी है और यहां विकास सबसे अहम प्राथमिकता होनी चाहिए."

उन्होंने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सके, इस उम्मीद में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को फिर से उसे दी जाने वाली आर्थिक मदद बहाल करने के बारे में सोचना चाहिए."

यूरोप के दौरे पर गए चीनी विदेश मंत्री ने बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के विदेश मंत्रियों के साथ वीडियो लिंक से हुई बैठक में ये बात कही. .

अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों की ये दूसरी बैठक थी, इससे पहले सितंबर में ईरान के नेतृत्व में ऐसी पहली बैठक हुई थी.

उन्होंने ये भी ज़िक्र किया कि अफ़ग़ानिस्तान चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सकता है.

वांग यी ने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी के रूप में उसके साथ आर्थिक और व्यापारिक लेन-देन बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को समझने और अफ़ग़ानिस्तान बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट में शामिल हो सके इसके लिए समन्वित और मज़बूत कदम उठाने चाहिए "

"मुझे लगता है कि तालिबान दूसरे देशों से बातचीत करने और उसके साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक है और इस बारे में गंभीर है."

वांग यी ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से अफ़ग़ानिस्तान पर लगाए एकतरफा प्रतिबंध हटाने की गुज़ारिश की और विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपील की कि वो कोविड महामारी से लड़ने के लिए अधिक दवाएं उपलब्ध कराए.

इससे पहले चीन ने कहा है कि वो अफ़ग़ानिस्तान को 3 करोड़ डॉलर मूल्य की आपातकालीन मदद देगा.

चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील करता रहा है कि वो तालिबान को अलग-थलग करने की बजाय उससे बात कर समस्या का हल तलाशें.

इसी साल अगस्त में अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों ने देश के केंद्रीय बैंक में सरकार के अकाउंट को फ्रीज़ कर दिया था.

हालांकि कई मानवीय राहत एजेंसियां यहां अपना काम जारी रख रही हैं और अफ़ग़ानिस्तान में आर्थिक मदद मुहैय्या करा रही हैं.

देश के बैंकों की स्थिति ख़स्ता हो चुकी है, सरकारी अधिकारियों को तनख़्वाह नहीं दी जा सकी है और देश के भीतर खाने के सामान की क़ीमतें बढ़ रही हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार आईएमएफ़ ने मंगलवार को कहा कि इस साल देश की अर्थव्यवस्था 30 फीसदी तक सिकुड़ सकती है और इस कारण प्रवासियों का संकट खड़ा हो सकता है.