Health / बिना लक्षण वाले बच्चों में भी आजीवन हृदय रोग का खतरा

बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) का संबंध कोरोना वायरस सकता है। इससे बच्चों के हृदय को इतना नुकसान हो सकता है कि उन्हें जीवन भर चिकित्सकों की निगरानी में रहना पड़े। जर्नल इक्लिनिकल मेडिकल में मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट में 662 बच्चों पर अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है इकोकार्डियोग्राम से जांच में 50 फीसदी का सामान्य नहीं था।

AMAR UJALA : Sep 07, 2020, 08:45 AM
Delhi: बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) का संबंध कोरोना वायरस सकता है। इससे बच्चों के हृदय को इतना नुकसान हो सकता है कि उन्हें जीवन भर चिकित्सकों की निगरानी में रहना पड़े। जर्नल इक्लिनिकल मेडिकल में मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट में 662 बच्चों पर अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है इकोकार्डियोग्राम से जांच में 50 फीसदी का सामान्य नहीं था।

वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चों में हृदय संबंधी तकलीफ बिना लक्षण वाले कोरोना के 3 से 4 सप्ताह बाद हो सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास हेल्थ साइंस सेंटर के प्रोफेसर अल्वारो मोरे रिया का कहना है बच्चों में एमआईएस की तकलीफ हो सकती है। बच्चों में लक्षण नहीं दिखेंगे, किसी को पता भी नहीं चलेगा कि उन्हें बीमारी है कि लेकिन कुछ सप्ताह बाद उनके शरीर में सूजन आ जाएगी जो उनके और उनके हृदय के लिए घातक हो सकती है।