Vikrant Shekhawat : Oct 26, 2023, 07:22 AM
Israel-Hamas war: रूस और चीन ने गाजा पट्टी में इज़राइल और हमास के बीच युद्ध पर अमेरिका द्वारा तैयार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो कर दिया। जबकि रूस अपने प्रस्ताव को पारित करने के लिए न्यूनतम वोट जीतने में विफल रहा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार गाजा में इजराइल की बमबारी के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में संघर्षविराम पर एक बार फिर आम सहमति नहीं बन पाई। बुधवार को अमेरिका और रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी में दो अलग-अलग प्रस्ताव दिए, लेकिन दोनों खारिज हो गए। अमेरिका ने जहां रूस के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो किया। वहीं, चीन और रूस ने अमेरिका के प्रस्ताव को पर अपनी वीटो की शक्ति का उपयोग करते हुए खारिज कर दिया।अमेरिका के पक्ष में इन देशों ने किया मतदानदरअसल, अमेरिका ने अपने प्रस्ताव में मानवीय विराम का आह्वान किया था, लेकिन युद्धविराम का नहीं। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि सुरक्षा परिषद द्वारा पारित किसी भी प्रस्ताव में इजराइल और गाजा में हिंसा के लिए हमास को दोषी ठहराया जाए। वहीं, रूस का प्रस्ताव गाजा में युद्धविराम पर केंद्रित था। अमेरिका, अल्बानिया, फ्रांस, इक्वाडोर, गैबॉन, घाना, जापान, माल्टा, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन ने अमेरिकी प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। ब्राजील और मोजाम्बिक ने मतदान में भाग नहीं लिया।
रूस के युद्धविराम के प्रस्ताव पर दोस्त चीन ने दिया साथवहीं, गाजा में युद्धविराम का आह्वान करने वाले रूस के प्रस्ताव के पक्ष में चार वोट पड़े, जिनमें रूस और चीन भी शामिल हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि नौ अन्य सदस्य अनुपस्थित रहे। रूसी प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पर्याप्त वोट मिलने की स्थिति में अमेरिका इस पर वीटो कर सकता था।रूसी दूत ने अमेरिकी प्रस्ताव को बताया राजनीति से प्रेरितसंयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज्या ने अमेरिका पर यूएनएससी के फैसलों को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया है ताकि गाजा पर इजासइल के हमले पर कोई प्रभाव न हो। उन्होंने युद्धविराम का आह्वान करने में विफल रहने और गाजा में नागरिकों पर हमलों की निंदा शामिल नहीं करने के लिए अमेरिकी प्रस्ताव की आलोचना की। इजराइल के राजदूत ने अमेरिका के लिए कही ये बात अमेरिका का प्रस्ताव खारिज होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के राजदूत गिलाड एर्दान ने कहा कि वह अमेरिका और इस परिषद के अन्य सदस्यों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। यह प्रस्ताव स्पष्ट रूप से क्रूर आतंकवादियों की निंदा करता है और सदस्य देशों को आतंक के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार देता है। यह दर्शाता है कि संयुक्त राष्ट्र के हॉल में फैले सभी झूठों के बावजूद, अभी भी ऐसे लोग हैं जो स्वतंत्रता और सुरक्षा के मूल्यों के लिए खड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस्राइल में, हम अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। अगर किसी भी देश में इसी तरह का नरसंहार होता है, तो वो इजराइल की तुलना में कहीं अधिक ताकत के साथ इसका सामना करेगा।#WATCH | Ambassador of Israel to the United Nations, Gilad Erdan says, "...If this other resolution truly focused on the humanitarian situation as it was presented. The over 220 hostages being held by Hamas would not be a general signed note at the very end of the resolution. It… pic.twitter.com/wfcZZjxn7G
— ANI (@ANI) October 25, 2023