- भारत,
- 22-Feb-2025 07:39 PM IST
Benjamin Netanyahu News: इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम के तहत शनिवार को छह इजरायली बंधकों में से पांच को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया। गाजा में दो अलग-अलग समारोहों में सैकड़ों फलस्तीनियों के सामने नकाबपोश, सशस्त्र हमास लड़ाकों द्वारा मंच पर लाकर इन बंधकों को रेड क्रॉस को सौंपा गया।
मध्य शहर नुसेरात में, तीन इजरायली युवाओं – ओमर वेंकर्ट और ओमर शेम टोव – को रेड क्रॉस के वाहनों में बैठाया गया, जो उन्हें इजरायल लेकर रवाना हुए। इससे पहले, दक्षिणी गाजा शहर राफा में दो अन्य बंधकों, ताल शोहम (40) और एवेरा मेंगिस्टू (39), को भी इसी प्रक्रिया के तहत रिहा किया गया था। हमास के नकाबपोश लड़ाकों ने मंच पर लाकर उन्हें रेड क्रॉस की एम्बुलेंस में बैठा दिया, जो फिर इजरायल के एक नजदीकी क्रॉसिंग की ओर रवाना हुई। छठे बंधक, हिशाम अल-सईद (36), को भी शनिवार को रिहा किया जाना है।हमास की गलती और इजरायल की प्रतिक्रिया
बंधकों की रिहाई ऐसे समय में हो रही है जब हमास ने अगवा की गई दो छोटे बच्चों की मां, शिरी बिबास, के शव की जगह किसी और महिला का शव सौंप दिया था। इस गलती को लेकर फलस्तीनी पक्ष भी असंतुष्ट नजर आ रहा है। हमास ने दो बेटों के शवों के साथ एक अज्ञात फलस्तीनी महिला का शव सौंप दिया, जिसे इजरायल ने समझौते का "क्रूर और दुर्भावनापूर्ण उल्लंघन" बताया।इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटना की निंदा करते हुए हमास को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। दूसरी ओर, हमास ने इसे "अनजाने में हुई गलती" करार दिया।रिहा किए गए बंधकों की पृष्ठभूमि
रिहा किए गए बंधकों में एवेरा मेंगिस्टू को 2014 में गाजा में बंदी बनाया गया था। उनकी रिहाई पर उनके परिवार ने खुशी जाहिर करते हुए गीत गाए। इसी तरह, उत्तरी इजरायली गांव माले त्ज़्विया के निवासी ताल शोहम भी रिहा किए गए हैं। वे अपनी पत्नी के परिवार से मिलने किबुत्ज़ बेरी गए थे, जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास के चरमपंथियों ने वहां हमला कर दिया था।आगे की संभावनाएं
यह संघर्षविराम के प्रथम चरण के तहत रिहा किए जाने वाले अंतिम जीवित बंधक हैं। हालांकि, इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच इजरायल और हमास के बीच संघर्ष समाप्त होने के आसार कम दिख रहे हैं। नेतन्याहू की चेतावनी के बाद इजरायल की अगली रणनीति पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।3,821 days.
— Israel Defense Forces (@IDF) February 22, 2025
10 years apart.
Avera Mengistu’s family has suffered his absence for a decade, not knowing if he was safe or even alive. Today, they can finally hold him again. pic.twitter.com/grhNjPsgZg