- भारत,
- 21-Apr-2025 01:00 PM IST
Benjamin Netanyahu: इज़राइल और फ्रांस के बीच संबंधों में एक नया तनाव उस समय उत्पन्न हुआ जब इज़राइल ने 27 फ्रांसीसी सांसदों और स्थानीय अधिकारियों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध उनकी नियोजित आधिकारिक यात्रा से ठीक दो दिन पहले लगाया गया, जिससे राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
अचानक रद्द किए गए वीजा
रविवार को फ्रांसीसी सांसदों को सूचित किया गया कि उनके प्रवेश वीजा रद्द कर दिए गए हैं। ये सभी सांसद फ्रांस की वामपंथी और कम्युनिस्ट पार्टियों से जुड़े हुए हैं, और उन्हें यरुशलम में फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावास द्वारा पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया था। यात्रा का उद्देश्य था—"अंतरराष्ट्रीय सहयोग और शांति को बढ़ावा देना"।
राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला
इज़राइल के आंतरिक मंत्रालय ने वीजा रद्द करने के लिए एक विशेष कानून का सहारा लिया, जो सरकार को ऐसे व्यक्तियों को देश में प्रवेश से रोकने की अनुमति देता है जो राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा माने जाते हैं। हालांकि, इस निर्णय को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या यह कानून कूटनीतिक रिश्तों को ठेस पहुंचाने की सीमा तक लागू किया जा सकता है।
कड़ा विरोध और राष्ट्रपति से मांग
प्रतिबंधित सांसदों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इसे ‘सामूहिक सजा’ और ‘राजनयिक संबंधों में गंभीर दरार’ करार दिया। उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से इस पर प्रतिक्रिया देने की मांग की है, और आग्रह किया कि वे इज़राइल पर यह फैसला पलटने का दबाव डालें। सांसदों ने यह भी दोहराया कि उनके राजनीतिक दल वर्षों से एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य का समर्थन करते आए हैं—एक रुख जिसे हाल ही में खुद राष्ट्रपति मैक्रोन ने भी समर्थन दिया था।
बढ़ते तनाव के संकेत
यह घटनाक्रम कोई अलग-थलग मामला नहीं है। इसी महीने की शुरुआत में इज़राइल ने दो ब्रिटिश सांसदों को तेल अवीव हवाई अड्डे पर रोककर देश से निर्वासित कर दिया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि इज़राइल अपने आलोचकों के खिलाफ कठोर रुख अपनाता जा रहा है, भले ही वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा क्यों न हों।
किन सांसदों पर लगा प्रतिबंध?
प्रतिबंधित सांसदों में प्रमुख नाम शामिल हैं—नेशनल असेंबली के डिप्टी फ्रेंकोइस रफिन, एलेक्सिस कॉर्बियर, जूली ओजेन, कम्युनिस्ट डिप्टी सौम्या बोरौहा और सीनेटर मैरिएन मार्गेट। इनके अलावा कई महापौर और स्थानीय निर्वाचित अधिकारी भी इस दल में शामिल थे।