Israel-Hamas War / आ बैल मुझे मार, इजराइल से पंगा लेते-लेते हमास पहुंचा भारत की रेंज तक

5 फरवरी को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में “कश्मीर सॉलिडेरिटी और हमास ऑपरेशन ‘अल अक्सा फ्लड’ कॉन्फ्रेंस” आयोजित हुई, जिसमें हमास नेता डॉ. खालिद अल-कदूमी के साथ जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी शामिल हुए। इस इवेंट में भारत विरोधी भाषण दिए गए और शक्ति प्रदर्शन हुआ।

Israel-Hamas War: 5 फरवरी को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका नाम था—"कश्मीर सॉलिडेरिटी और हमास ऑपरेशन 'अल अक्सा फ्लड' कॉन्फ्रेंस"। इस कार्यक्रम में हमास के वरिष्ठ नेता डॉ. खालिद अल-कदूमी ने शिरकत की। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि इस मंच पर उनके साथ पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के नेता भी मौजूद थे।

यह पहली बार था जब हमास के किसी बड़े नेता ने PoK में सार्वजनिक रूप से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इस इवेंट के दौरान आतंकवादियों ने भारत विरोधी भाषण दिए और हमास के झंडे लहराते हुए मोटरसाइकिल और घोड़ों पर सवार होकर शक्ति प्रदर्शन किया। इस घटनाक्रम ने भारत और इजराइल दोनों के लिए सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया है।

इजराइल ने जताई चिंता, भारत से की अपील

PoK में हमास नेता की उपस्थिति पर इजराइल ने गंभीर चिंता जताई है और भारत से इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है। इजराइली अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमास का पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के साथ गठजोड़ अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने भारत से आग्रह किया है कि वह हमास को अपने आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करे।

फिलहाल, भारत में हमास को आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित नहीं किया गया है। भारतीय कानून "गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967" (UAPA) के तहत अब तक 44 संगठनों को आतंकवादी घोषित किया गया है, लेकिन इसमें हमास का नाम नहीं है। इजराइल के अनुरोध के बाद भारत में इस मुद्दे पर बहस छिड़ सकती है।

किन देशों ने हमास को आतंकी संगठन घोषित किया है?

हमास को अमेरिका (1997 से), यूरोपियन यूनियन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। हालांकि, रूस, चीन और तुर्की जैसे कुछ देशों ने अब तक ऐसा नहीं किया है।

7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल में भीषण आतंकी हमला किया था, जिसे इजराइल के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है। इस हमले के बाद गाजा युद्ध छिड़ गया, जिसमें हजारों लोगों की जान गई।

भारत-इजराइल के मजबूत रिश्ते और आतंकवाद पर सख्ती

भारत और इजराइल पिछले कुछ वर्षों में अपने रणनीतिक और रक्षा सहयोग को काफी मजबूत कर चुके हैं। विशेष रूप से आतंकवाद-रोधी अभियानों में दोनों देशों के बीच व्यापक तालमेल देखा गया है। 2002 में स्थापित "भारत-इजराइल जॉइंट वर्किंग ग्रुप ऑन काउंटर-टेररिज्म" हर साल बैठक करता है, जिसमें सीमा सुरक्षा, आतंकी फंडिंग और साइबर सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होती है।

हमास की PoK में मौजूदगी भारत के लिए एक गंभीर खतरा है। यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन न केवल कश्मीर बल्कि वैश्विक आतंकवाद के बड़े नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। भारत को इस चुनौती का सामना करने के लिए अपनी आतंकवाद-रोधी नीतियों को और मजबूत करने की आवश्यकता होगी।

निष्कर्ष

हमास और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों का गठजोड़ वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। भारत को इजराइल के साथ अपने सहयोग को और मजबूत करना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए। इस घटनाक्रम को नजरअंदाज करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।