Russia-Ukraine War / बाइडेन के एटमी फैसले पर भड़का रूस, पुतिन ने बनाया ये खास प्लान

अमेरिकी और यूरोपीय देशों के हथियारों से रूस पर लगातार हमले हो रहे हैं। बीती रात यूक्रेन ने ATACMS मिसाइल और क्लस्टर वेपन से कुर्स्क के एयरफील्ड पर हमला किया। यूक्रेन का कहना है कि यह रूस द्वारा किए गए हमलों का बदला है। पुतिन ने नाटो बेस पर हमलों का ब्लू प्रिंट तैयार किया है।

Vikrant Shekhawat : Nov 27, 2024, 01:00 AM
Russia-Ukraine War: रूस पर पश्चिमी देशों के हथियारों से लगातार हमले हो रहे हैं, जिनमें अमेरिकी और यूरोपीय देशों की तकनीकी मदद शामिल है। हाल ही में, यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में स्थित एक एयरफील्ड पर हमला किया, जिसमें अमेरिकी सेना के मिसाइल विशेषज्ञों ने यूक्रेन को तकनीकी सहायता प्रदान की। इन हमलों के बीच, एक और बड़ा निर्णय लिया जा रहा है: अमेरिका अब यूक्रेन को परमाणु बम सौंपने पर विचार कर रहा है। इस फैसले के साथ, राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने किव को परमाणु हथियारों की आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया है, जो दुनिया भर में भू-राजनीतिक संकट को और बढ़ा सकता है।

वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो के सभी सैन्य ठिकानों पर हमले करने की योजना तैयार की है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। इस बीच, पश्चिमी देशों से मिलने वाले हथियारों से हुए हमले, जिन्हें वैश्विक युद्ध के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, अब रूसी धरती पर ज्वाला बनकर बरसने लगे हैं।

कुर्स्क पर ATACMS मिसाइलों से हमला

बीती रात, यूक्रेन ने फिर से रूस के कुर्स्क स्थित खालिनो एयरफील्ड पर हमले किए। इन हमलों में ATACMS मिसाइल का इस्तेमाल किया गया, जिसमें क्लस्टर वेपन भी शामिल थे। यूक्रेन ने पांच ATACMS मिसाइलों से इस एयरफील्ड पर हमला किया, जिससे रूस का S-400 डिफेंस सिस्टम भी हमलों को रोकने में असफल रहा। हालांकि, इस हमले में रूस के विमानों को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ये हमले रूस के लिए एक बड़ा सैन्य संकट साबित हो सकते हैं।

क्लस्टर वेपन का उपयोग

यूक्रेन ने इस हमले में क्लस्टर वेपन का इस्तेमाल किया, जो एक विवादास्पद हथियार प्रणाली है। यह हथियार बड़े क्षेत्र में विस्फोटक तत्वों को फैलाता है, जिससे मानवीय और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान होता है। यूक्रेन ने दावा किया कि यह हमला रूस के ओरेश्निक मिसाइल हमलों का बदला था, जो 21 नवंबर को निप्रो के औद्योगिक क्षेत्र पर किए गए थे। इस हमले में रूस के कलूगा क्षेत्र की ऑयल रिफाइनरी में आग लग गई थी।

यूरोपीय और अमेरिकी सहायता से बढ़ता तनाव

यूरोपीय और अमेरिकी देशों ने यूक्रेन को एक मजबूत सैन्य समर्थन प्रदान किया है। ब्रिटेन ने तीन सप्ताह पहले ही यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो मिसाइलों की खेप भेजी थी, जबकि अमेरिका ने पहले ही ATACMS मिसाइलें प्रदान कर दी थीं। अब व्हाइट हाउस ने यह ऐलान किया है कि रूस पर लंबी दूरी के हमले किए जाएंगे। इस निर्णय से रूस के लिए स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है, और यह कदम वैश्विक संघर्ष की ओर बढ़ने का संकेत दे सकता है।

वैश्विक युद्ध का खतरा

इन हमलों को वैश्विक युद्ध के आगाज के रूप में देखा जा रहा है। रूस के लिए, पश्चिमी देशों से मिल रहे इस समर्थन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा माना जा सकता है। रूस अब उन देशों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है, जो उसे सैन्य रूप से चुनौती दे रहे हैं। इन सबके बीच, अमेरिका ने रूस की सीमा के करीब अपने B52 न्यूक्लियर बॉम्बर्स को तैनात किया है, जिससे और भी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

निष्कर्ष

रूस पर हो रहे इन हमलों को लेकर वैश्विक समुदाय में भय और असमंजस का माहौल है। यह केवल क्षेत्रीय संघर्ष नहीं, बल्कि एक वैश्विक युद्ध की दिशा में बढ़ते कदम हो सकते हैं। पश्चिमी देशों से मिल रहे हथियारों की मदद से यूक्रेन ने रूस के खिलाफ अपनी सैन्य रणनीतियों को तेज कर दिया है, जबकि रूस भी जवाबी हमलों के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस तनावपूर्ण स्थिति में, दोनों पक्षों के बीच युद्ध की आशंका और बढ़ गई है, और यह देखना होगा कि भविष्य में यह संघर्ष कहां तक पहुंचता है।