दुनिया / अंतरिक्ष में रूस-चीन आये आमने सामने, टल गया बड़ा हादसा

अंतरिक्ष में बेकार पड़े रूसी उपग्रह और चीनी रॉकेट के बीच टक्कर का खतरा टल गया है। दरअसल, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि अगर यह टक्कर होती है, तो यह अंतरिक्ष में हजारों टुकड़े मलबे का निर्माण करेगा। इससे अन्य देशों के उपग्रहों और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशनों को भी खतरा हो सकता है।अंतरिक्ष मलबे पर नज़र रखने वाली कंपनी लेओलाब्स ने एक सप्ताह पहले इन दोनों वस्तुओं के टकराने की भविष्यवाणी की थी।

Vikrant Shekhawat : Oct 17, 2020, 08:05 AM
वॉशिंगटन. अंतरिक्ष में बेकार पड़े रूसी उपग्रह और चीनी रॉकेट के बीच टक्कर का खतरा टल गया है। दरअसल, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि अगर यह टक्कर होती है, तो यह अंतरिक्ष में हजारों टुकड़े मलबे का निर्माण करेगा। इससे अन्य देशों के उपग्रहों और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशनों को भी खतरा हो सकता है।अंतरिक्ष मलबे पर नज़र रखने वाली कंपनी लेओलाब्स ने एक सप्ताह पहले इन दोनों वस्तुओं के टकराने की भविष्यवाणी की थी। लियोलैब्स के अनुसार, रूस के कॉस्मोस 2007 को दक्षिणी ध्रुव की ओर बढ़ते देखा गया था। जबकि चीन का चेंज झेंग 4 सी रॉकेट उत्तर की ओर जा रहा था। उस समय दोनों वस्तुओं की गति 52918 किलोमीटर प्रति घंटा थी। जिसके बाद लियोलैब्स ने अपने रडार की मदद से इन दोनों पर नजर रखनी शुरू की।


दो प्रकार का होता है अंतरिक्ष मलबा

अंतरिक्ष मलबे के दो प्रकार हैं। पहला- मनुष्य बना और दूसरा प्राकृतिक। मानव निर्मित अंतरिक्ष मलबे से तात्पर्य उन टुकड़ों से है, जो मानव अंतरिक्ष यान या उपग्रहों के ख़राब होने के बाद गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं। इसी समय, प्राकृतिक मलबे को क्षुद्रग्रह, धूमकेतु और उल्कापिंड कहा जाता है।