देश / पीएम ने की भारतीय अंतरिक्ष संघ की शुरुआत; भारती एयरटेल संस्थापक सदस्यों में शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) की शुरुआत की। पीएमओ के मुताबिक, यह अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों का प्रमुख उद्योग संघ है जिसका उद्देश्य भारतीय स्पेस इंडस्ट्री की सामूहिक आवाज़ बनना है। आईएसपीए के संस्थापक सदस्यों में लार्सन ऐंड टुब्रो, नेल्को (टाटा ग्रुप), वनवेब, भारती एयरटेल, मैपमायइंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज़ और अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं।

Vikrant Shekhawat : Oct 11, 2021, 01:49 PM
Indian Space Association: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISPA) का शुभारंभ किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एयर इंडिया पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत नहीं वहां सरकारी नियंत्रण खत्म करेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, उतनी पहले कभी नहीं रही. स्पेस सेक्टर और स्पेस टेक को लेकर आज भारत में जो बड़े सुधार हो रहे हैं, वो इसी की एक कड़ी है. मैं इंडियन स्पेस एसोसिएशन – इस्पा के गठन के लिए आप सभी को एक बार फिर बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं.''

प्रधानमंत्री ने कहा, ''जब हम स्पेस रिफ़ॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 स्तंभ पर आधारित है. पहला, प्राइवेट सेक्टर को इनोवेशन की आज़ादी, दूसरा, सरकार की इनैब्लर के रूप में भूमिका, तीसरा, भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करना और चौथा, स्पेस सेक्टर को सामान्य मानवी की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना.''

पीएम ने कहा, ''हमारा स्पेस सेक्टर, 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम है. हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, सामान्य मानवी के लिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी की सुविधा! हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, एंटरप्रेन्योर्स के लिए शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक बेहतर स्पीड.''

प्रधानमंत्री ने कहा, "आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं है बल्कि एक अच्छा विचार,  एक अच्छी रणनीति और, एकीकृत आर्थिक रणनीति भी है. एक ऐसी रणनीति जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के स्किल की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग पॉवर हाउस बनाए. एक ऐसी रणनीति जो भारत के टेक्नोलॉजीकल एक्सपर्टीज को आधार बनाकर, भारत को इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनाए. एक ऐसी रणनीति, जो वैश्विक विकास में बड़ी भूमिका निभाए, भारत के मानव संसाधन और टैलेंट की प्रतिष्ठा, विश्व स्तर पर बढ़ाए.''