PM Modi In Tamil Nadu / ऊपर ट्रेन, नीचे से जहाज... तमिलनाडु के पंबन ब्रिज का PM ने किया उद्घाटन

रामनवमी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज भेंट किया। पंबन में बना यह ब्रिज आधुनिक तकनीक से लैस है, जो जहाजों के लिए ऊपर उठता है। 535 करोड़ की लागत से बना यह ब्रिज भारत की इंजीनियरिंग शक्ति का प्रतीक है।

PM Modi In Tamil Nadu: रामनवमी के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को एक ऐतिहासिक तोहफा दिया है। पीएम मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में समुद्र के ऊपर बने भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया। यह आधुनिक तकनीक से सुसज्जित पुल न सिर्फ एक साधारण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, बल्कि भारत की बढ़ती इंजीनियरिंग क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बन गया है।

भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज: पंबन ब्रिज का नया अवतार

यह वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज तमिलनाडु के मंडपम से लेकर पवित्र तीर्थस्थल रामेश्वरम तक फैला हुआ है। इस परियोजना पर लगभग 535 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह ब्रिज पुराने पंबन ब्रिज का आधुनिक और उन्नत संस्करण है, जिसकी नींव 2019 में पीएम मोदी ने ही रखी थी। उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने 8300 करोड़ रुपये की अन्य विकास परियोजनाओं की भी घोषणा की, जिससे दक्षिण भारत की कनेक्टिविटी और तीव्र गति से आगे बढ़ेगी।

कैसे काम करता है यह ब्रिज?

इस वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज की खास बात यह है कि इसका एक हिस्सा स्वतः ऊपर उठ सकता है, जिससे समुद्री जहाज इसके नीचे से आसानी से निकल सकते हैं। इस पुल का 63 मीटर का सेंटर स्पैन समुद्र से 17 मीटर (लगभग 60 फीट) ऊंचा हो सकता है और यह प्रक्रिया महज 5 मिनट में पूरी हो जाती है।

इसमें तीन मुख्य चरण शामिल हैं:

  1. सेंटर स्पैन को वर्टिकली ऊपर उठाना

  2. पुराने ब्रिज को झुका कर उठाना

  3. जहाजों को ब्रिज के नीचे से सुरक्षित रूप से निकालना

यह सिस्टम पूरी तरह ऑटोमैटिक है, जिससे मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती। डबल ट्रैक और इलेक्ट्रिफिकेशन इसे हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

बेजोड़ विशेषताएं: इंजीनियरिंग का चमत्कार

  • भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज

  • 72.5 मीटर का लिफ्टिंग स्पैन, जो महज 5 मिनट में खुलता और 3 मिनट में बंद होता है

  • समुद्र के ऊपर 6,790 फीट (करीब 2.08 किमी) लंबा पुल

  • 22 मीटर तक ऊँचाई पर उठने की क्षमता, जिससे बड़े समुद्री जहाज गुजर सकते हैं

  • एंटी-कोरोजन तकनीक और पॉलीसिलॉक्सेन पेंट से संरक्षित

  • ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम, जो जहाजों के आने पर तुरंत सायरन बजाकर ट्रैफिक को नियंत्रित करता है

मौसम की भूमिका और सुरक्षा उपाय

यह पुल अत्यधिक सतर्कता के साथ डिज़ाइन किया गया है। अगर हवा की गति 50 किमी/घंटा से अधिक हो, तो लिफ्टिंग सिस्टम निष्क्रिय हो जाता है ताकि सुरक्षा में कोई समझौता न हो।

राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव का संगम

रामनवमी के दिन यह उद्घाटन केवल एक परियोजना का लोकार्पण नहीं था, बल्कि रामेश्वरम जैसे पवित्र स्थल को एक और आधुनिक पहचान देने का प्रतीक भी है। पीएम मोदी ने रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना कर आध्यात्मिक और वैज्ञानिक विरासत के संतुलन का भी संदेश दिया।