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- 06-Apr-2025 06:00 AM IST
Mutual Fund News: अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। अब आप बिना बैंक गए या डीमैट अकाउंट खोले बिना भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। केवल ₹500 प्रति माह के छोटे निवेश से आप अपनी बचत को बड़े रिटर्न की ओर बढ़ा सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड बाजार से जुड़ा निवेश है और इसमें जोखिम शामिल होता है।
अब सवाल उठता है कि घर बैठे म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? इसका पहला और जरूरी कदम है — KYC (Know Your Customer) की प्रक्रिया पूरी करना। आइए जानते हैं कि आप यह काम बिना घर से बाहर निकले कैसे कर सकते हैं।
क्या है KYC और क्यों जरूरी है?
KYC यानी ‘अपने ग्राहक को जानो’ एक आवश्यक प्रक्रिया है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून 2002 के तहत लागू किया गया है। इसके तहत म्यूचुअल फंड निवेशकों की पहचान और अन्य जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और पता आदि की वैरिफिकेशन की जाती है। सेबी (SEBI) द्वारा निर्धारित यह प्रक्रिया सभी निवेशकों के लिए जरूरी होती है।
इंडिया पोस्ट और म्यूचुअल फंड कंपनियों की अनोखी पहल
देश के ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड निवेश को आसान बनाने के लिए कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियों ने भारतीय डाक (India Post) के साथ साझेदारी की है। इस पहल में निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
इस साझेदारी के तहत, इंडिया पोस्ट के कर्मचारी निवेशकों के घर पहुंचकर उनका KYC वेरिफिकेशन पूरा करते हैं। खासतौर पर यह सुविधा बुजुर्गों और गांवों में रहने वाले लोगों के लिए बेहद लाभदायक है, जो बैंक या शहर की शाखा तक पहुंचने में असमर्थ होते हैं।
घर बैठे KYC पूरी करने की प्रक्रिया – स्टेप बाई स्टेप गाइड
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रजिस्ट्रेशन करें:
म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट या KYC ऐप के जरिए खुद को रजिस्टर करें। -
अपनी डिटेल्स भरें:
नाम, पता, नागरिकता, पैन नंबर, आधार नंबर, मोबाइल और ईमेल आईडी जैसे विवरण फॉर्म में भरें। -
दस्तावेज अपलोड करें:
आधार और पैन कार्ड की सेल्फ-अटैस्टेड कॉपी अपलोड करें। -
डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन:
आपकी जानकारी जमा होने के बाद, इंडिया पोस्ट का एजेंट आपके घर आकर KYC की पुष्टि करेगा। -
KYC पूरा और निवेश शुरू:
वेरिफिकेशन पूरा होते ही आपकी KYC प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी और आप म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं।
फायदे क्या हैं?
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घर बैठे सुविधा: बैंक या एजेंसी के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
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ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान: जहां इंटरनेट और बैंकिंग सेवाएं सीमित हैं।
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बुजुर्गों के लिए उपयोगी: फिजिकल वेरिफिकेशन की सुविधा से बुजुर्गों को बड़ी राहत।