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- 23-Mar-2025 06:00 AM IST
Hybrid Funds: भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में तेजी देखी गई है, लेकिन यह कितनी स्थायी होगी, यह कहना कठिन है। अस्थिरता बाजार का स्वभाव है, और इसी वजह से कई निवेशक सीधे शेयर बाजार में निवेश करने से कतराते हैं। यदि आप भी कम जोखिम में अच्छा रिटर्न चाहते हैं, तो हाइब्रिड फंड एक आदर्श विकल्प हो सकता है।
हाइब्रिड फंड: संतुलित निवेश रणनीति
हाइब्रिड फंड म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है, जो इक्विटी (शेयर) और डेब्ट (बॉन्ड, डिबेंचर आदि) में निवेश करता है। इसका मुख्य उद्देश्य रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन बनाए रखना होता है। जहां इक्विटी में निवेश से ग्रोथ का मौका मिलता है, वहीं डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान करते हैं।
बढ़ता निवेशकों का भरोसा
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फरवरी में हाइब्रिड फंड्स में 28,461 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि निकासी दर में कमी आई। इससे साफ है कि अस्थिर बाजार के चलते निवेशक इस सुरक्षित और संतुलित विकल्प की ओर आकर्षित हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हाइब्रिड फंड्स में इक्विटी, डेट और कमोडिटी का मिश्रण होने के कारण जोखिम अपेक्षाकृत कम रहता है और संभावित रूप से बेहतर रिटर्न मिलता है।
शानदार प्रदर्शन देने वाले हाइब्रिड फंड
बाजार में गिरावट के बावजूद, कई हाइब्रिड फंड्स ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है। निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट, सैमको, एडलवाइस, इनवेस्को और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल जैसे फंड्स ने विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल में इन फंड्स ने दो अंकों में रिटर्न दिया है, जो इस श्रेणी की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
सही फंड का चयन है जरूरी
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम क्षमता के आधार पर हाइब्रिड फंड का चयन करना चाहिए। ये फंड खासतौर पर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हैं, जो सीधे इक्विटी में निवेश करने से बचना चाहते हैं और 3 से 5 वर्षों के लिए निवेश करने की योजना बना रहे हैं।