Vikrant Shekhawat : Jun 12, 2020, 01:11 PM
महाराष्ट्र के किसानों की सच्चाई पर फिल्म बनाकर लोगों को जागरूक कर रहीं हैं फिल्ममेकर अक्षया सावंत
“टॉकिंग टू द विंड” की डायरेक्टर अक्षया सावंत, महाराष्ट्र में किसानों की दुर्दशा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए फिल्मों के इस पॉवरफुल उपकरणों का उपयोग कर रही हैं। इस फिल्म में इंडिया के महाराष्ट्र के गांवों में आत्महत्या करने वाले किसानों की स्थिति को दिखाया गया है। वही महाराष्ट्र जहां एक तरफ मुंबई जैसे मेट्रो शहर में बॉलीवुड इंडस्ट्री हैं और साथ ही जिसे लोग सपनों की दुनिया कहते है, और वही दूसरी ओर इसके गॉव मे इतनी गरीबी है।
अक्षया सावंत एक मल्टीमीडिया आर्टिस्ट हैं, जो रिअल कहानियों को दुनिया के सामने लाती है। उनका ज्यादातर फोकस जेंडर, कल्चर और ट्रेडीशन्स जैसी टॉपिक पर रहता है। वह डीन की फैलो है। और उन्होंने एमर्सन कॉलेज, बोस्टन से एमएफए प्राप्त किया है। साथ ही वह द वर्जिन यूनाइट सोशल इम्पैक्ट फिल्म फंड (2017 और 2018) की प्राप्तकर्ता है और गुच्ची ट्रिबेका डॉक्यूमेंट्री फिल्म फंड 2018 में एक सेमीफाइनलिस्ट भी रह चुकी है।
अपनी डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म और इसके इंस्पिरेशन के बारे में बताते हुए अक्षया ने कहा, "यह कहानी मेरे होम स्टेट महाराष्ट्र की है, जिसमें किसानों की कहानियों के साथ क्लाइमेट चेंज की सच्चाई को दर्शाया गया है, जो आदमियों द्वारा बनाएं गए कुछ कठोर परिस्थितियों से मजबूर हैं, और जिन औरतो के पास दूसरों की तरह कोई अवसर नहीं होते हैं। मेरी माँ का जन्म महाराष्ट्र के एक गाँव में हुआ था, लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ने और खुद का जीवन बनाने के लिए मुंबई भेज दिया। अगर ऐसा नहीं हुआ होता, तो उनकी लाइफ भी इन्ही औरतों के समान होती। मैं चाहती हूं कि ऑडियंस महसूस करें कि वे इस गांव का हिस्सा हैं, और यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और मौत का संघर्ष है।”
द वाइस अनहीयर्ड फिल्म्स के एसोसिएशन में बनी फिल्म "टॉकिंग टू द विंड" ग्लोबल स्तर पर दर्शकों को आकर्षित कर रही है और कई जाने माने फेस्टिवल में मान्यताएं भी प्राप्त कर रहीं है। इसे DOCfeed, 2020 में नीदरलैंड में प्रदर्शित किया गया था और इसे 2020 में AOF मेगाफेस्ट, द्वारा लास वेगास में सितंबर 2020 में आयोजित "न्यूज फेस्ट-ट्रू स्टोरीज़" में प्रदर्शित करने के लिए सेलेक्ट किया गया है। इस फिल्म ने REMI प्लेटिनम अवॉर्ड, न्यूयॉर्क सिनेमैटोग्राफी अवॉर्ड (NYCA), रिवरसाइड फेस्टिवल, अस्सर्डो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और कैनेडियन सिनेमोग्राफी अवॉर्ड को अपने नाम किया है।
2015 से, महाराष्ट्र, सूखे से गुजर रहा है और यह एक प्राकृतिक आपदा है। इन सालों के दौरान, किसानों ने अपनी फसलों में हजारों डॉलर लगा दिए है। ताकि वो जमीन पर वास्तविक प्रभाव पैदा कर सकें और कम्युनिटी की मदद कर सकें। अक्षया ने नॉन-प्रॉफिट के साथ मजबूत गठजोड़ किया है। वह हाल ही में होप बी ~ लिट की सोशल फिल्मों विंग-द वॉयस अनसर्ड फिल्म्स बैनर और एसएमएपी फाउंडेशन से जुड़ीं। वे जमीन पर कम्युनिटी की सहायता के लिए प्रोजेक्ट्स पर सक्रिय रूप से काम करेंगी। होप बी ~ लिट ग्लोबल स्तर पर सामाजिक फिल्मों के माध्यम से सहायता के लिए धन जुटाने में सफल रहे हैं। अक्षया सावंत भी उनके अगले प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जो कि चाइल्डहुड कैंसर सर्वाइवर्स पर आधारित एक पॉवरफुल फिल्म है, “गॉट कैंसर! सरवाइवर्स जर्नी ”। जिसमें वो बतौर क्रिएटिव प्रोड्यूसर काम करेंगी।
लोगों के ऊपर प्रभाव डालने वाली और उनकी आंखें खोल देने वाली फिल्मों को बनाकर, अक्षया एक डायरेक्टर के रूप में खुद के लिए एक जगह बना रही है।
“टॉकिंग टू द विंड” की डायरेक्टर अक्षया सावंत, महाराष्ट्र में किसानों की दुर्दशा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए फिल्मों के इस पॉवरफुल उपकरणों का उपयोग कर रही हैं। इस फिल्म में इंडिया के महाराष्ट्र के गांवों में आत्महत्या करने वाले किसानों की स्थिति को दिखाया गया है। वही महाराष्ट्र जहां एक तरफ मुंबई जैसे मेट्रो शहर में बॉलीवुड इंडस्ट्री हैं और साथ ही जिसे लोग सपनों की दुनिया कहते है, और वही दूसरी ओर इसके गॉव मे इतनी गरीबी है।
अक्षया सावंत एक मल्टीमीडिया आर्टिस्ट हैं, जो रिअल कहानियों को दुनिया के सामने लाती है। उनका ज्यादातर फोकस जेंडर, कल्चर और ट्रेडीशन्स जैसी टॉपिक पर रहता है। वह डीन की फैलो है। और उन्होंने एमर्सन कॉलेज, बोस्टन से एमएफए प्राप्त किया है। साथ ही वह द वर्जिन यूनाइट सोशल इम्पैक्ट फिल्म फंड (2017 और 2018) की प्राप्तकर्ता है और गुच्ची ट्रिबेका डॉक्यूमेंट्री फिल्म फंड 2018 में एक सेमीफाइनलिस्ट भी रह चुकी है।
अपनी डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म और इसके इंस्पिरेशन के बारे में बताते हुए अक्षया ने कहा, "यह कहानी मेरे होम स्टेट महाराष्ट्र की है, जिसमें किसानों की कहानियों के साथ क्लाइमेट चेंज की सच्चाई को दर्शाया गया है, जो आदमियों द्वारा बनाएं गए कुछ कठोर परिस्थितियों से मजबूर हैं, और जिन औरतो के पास दूसरों की तरह कोई अवसर नहीं होते हैं। मेरी माँ का जन्म महाराष्ट्र के एक गाँव में हुआ था, लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ने और खुद का जीवन बनाने के लिए मुंबई भेज दिया। अगर ऐसा नहीं हुआ होता, तो उनकी लाइफ भी इन्ही औरतों के समान होती। मैं चाहती हूं कि ऑडियंस महसूस करें कि वे इस गांव का हिस्सा हैं, और यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और मौत का संघर्ष है।”
द वाइस अनहीयर्ड फिल्म्स के एसोसिएशन में बनी फिल्म "टॉकिंग टू द विंड" ग्लोबल स्तर पर दर्शकों को आकर्षित कर रही है और कई जाने माने फेस्टिवल में मान्यताएं भी प्राप्त कर रहीं है। इसे DOCfeed, 2020 में नीदरलैंड में प्रदर्शित किया गया था और इसे 2020 में AOF मेगाफेस्ट, द्वारा लास वेगास में सितंबर 2020 में आयोजित "न्यूज फेस्ट-ट्रू स्टोरीज़" में प्रदर्शित करने के लिए सेलेक्ट किया गया है। इस फिल्म ने REMI प्लेटिनम अवॉर्ड, न्यूयॉर्क सिनेमैटोग्राफी अवॉर्ड (NYCA), रिवरसाइड फेस्टिवल, अस्सर्डो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और कैनेडियन सिनेमोग्राफी अवॉर्ड को अपने नाम किया है।
2015 से, महाराष्ट्र, सूखे से गुजर रहा है और यह एक प्राकृतिक आपदा है। इन सालों के दौरान, किसानों ने अपनी फसलों में हजारों डॉलर लगा दिए है। ताकि वो जमीन पर वास्तविक प्रभाव पैदा कर सकें और कम्युनिटी की मदद कर सकें। अक्षया ने नॉन-प्रॉफिट के साथ मजबूत गठजोड़ किया है। वह हाल ही में होप बी ~ लिट की सोशल फिल्मों विंग-द वॉयस अनसर्ड फिल्म्स बैनर और एसएमएपी फाउंडेशन से जुड़ीं। वे जमीन पर कम्युनिटी की सहायता के लिए प्रोजेक्ट्स पर सक्रिय रूप से काम करेंगी। होप बी ~ लिट ग्लोबल स्तर पर सामाजिक फिल्मों के माध्यम से सहायता के लिए धन जुटाने में सफल रहे हैं। अक्षया सावंत भी उनके अगले प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जो कि चाइल्डहुड कैंसर सर्वाइवर्स पर आधारित एक पॉवरफुल फिल्म है, “गॉट कैंसर! सरवाइवर्स जर्नी ”। जिसमें वो बतौर क्रिएटिव प्रोड्यूसर काम करेंगी।
लोगों के ऊपर प्रभाव डालने वाली और उनकी आंखें खोल देने वाली फिल्मों को बनाकर, अक्षया एक डायरेक्टर के रूप में खुद के लिए एक जगह बना रही है।