देश / एससी ने यूपी सरकार को दिया लखीमपुर खीरी हिंसा केस के गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया और एक पत्रकार समेत 4 लोगों की मौत पर अलग स्टेटस रिपोर्ट मांगी। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 लोगों के 164 बयान दर्ज किए गए हैं। गौरतलब है, हिंसा में कुल 8 मौतें हुई थीं।

Vikrant Shekhawat : Oct 26, 2021, 02:09 PM
SC On Lakhimpur Kheri Violence: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के सभी प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. साथ ही, कोर्ट ने कहा है कि गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने जल्द से जल्द दर्ज करवाए जाएं. मामले की जांच के दौरान एसआईटी को मिले वीडियो सबूतों का लैब परीक्षण तेजी से पूरा करने के लिए भी कोर्ट ने कहा. घटना के बाद भीड़ के हाथों मारे गए श्याम सुंदर और पत्रकार रमन कश्यप के मामले में हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगी है.

पिछली दो सुनवाई में यूपी सरकार की तरफ से गठित एसआईटी की जांच पर असंतोष जता चुके जजों ने आज कहा कि जांच में अब काफी प्रगति हुई है. कोर्ट ने कहा कि घटना के दौरान मौजूद 4-5 हज़ार लोगों की भीड़ में से गंभीर गवाहों की पहचान ज़रूरी है. यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 68 गवाहों की पहचान हुई है. इनमें 43 के बयान दर्ज हुए हैं. कुल 30 गवाह हैं जिनके बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हुए हैं. इन 30 में से 23 ने खुद को चश्मदीद गवाह बताया है.

चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी भीड़ में से सिर्फ 23 लोग ही सामने आए हैं. यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जजों को बताया कि गवाहों को बुलाने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. साल्वे ने कहा कि जांच के दौरान कई अहम वीडियो सबूत मिले हैं. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि इन वीडियो सबूतों का परीक्षण जल्द से जल्द पूरा किया जाए.

कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा पर भी सवाल किया. इसके जवाब में साल्वे ने बताया कि ज़रूरत के मुताबिक उन्हें सुरक्षा दी जा रही है. कोर्ट ने लिखित आदेश में इस बात को दर्ज किया. साथ ही अपनी तरफ से भी निर्देश दिया कि गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. कोर्ट ने लखीमपुर के जिला जज से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गवाहों के धारा 164 के बयान दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट उपलब्ध रहें.

घटना में मारे गए श्याम सुंदर की पत्नी रूबी देवी और दिवंगत पत्रकार रमन कश्यप के परिवार ने भी जांच में कमी की शिकायत की. रूबी देवी ने कहा कि उनके पति की हत्या के 3 नामजद आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं. कोर्ट ने यूपी सरकार से इन दोनों मामलों पर भी स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.