Science / विज्ञान का चमत्कार... नर चूहों से वैज्ञानिकों ने पैदा करवा दिए बच्चे

विज्ञान तेजी से तरक्की कर रहा है। असंभव को भी संभव बनाया जा रहा है। चीन के वैज्ञानिकों ने इस बार कुछ ऐसा किया, जिसके बारे में सोचना भी मुश्किल हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने नर चूहों से बच्चे पैदा करवा दिये। हालांकि चीन के वैज्ञानिकों की इस खुराफात को लेकर उनकी अलोचना भी हो रही है। चीनी वैज्ञानिकों ने नर चूहों को प्रेग्नेंट ही नहीं किया

Vikrant Shekhawat : Jun 19, 2021, 06:54 AM
Delhi: विज्ञान तेजी से तरक्की कर रहा है। असंभव को भी संभव बनाया जा रहा है। चीन के वैज्ञानिकों ने इस बार कुछ ऐसा किया, जिसके बारे में सोचना भी मुश्किल हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने नर चूहों से बच्चे पैदा करवा दिये।  हालांकि चीन के वैज्ञानिकों की इस खुराफात को लेकर उनकी अलोचना भी हो रही है। चीनी वैज्ञानिकों ने नर चूहों को प्रेग्नेंट ही नहीं किया, बल्कि उनसे बच्चे भी पैदा करके दिखाये हैं। इसके लिए वो कई सालों से रिसर्च कर रहे थे। अब जाकर इस रिसर्च का नतीजा सामने आ गया है। 

शंघाई की नेवल मेडिकल यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों की टीम द्वारा ये रिसर्च किया गया। वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च को चार स्टेप में पूरा किया, जिसे रैट मॉडल बताया गया है। वैज्ञानिकों द्वारा पहले मादा चूहों की बॉडी से बच्चेदानी को बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे नर चूहे की बॉडी में फिट किया गया। इस यूट्रस ट्रांसप्लांट के बाद नर को प्रेग्नेंट कर उसकी सिजेरियन के जरिये डिलीवरी करवाई गई।

वैज्ञानिकों द्वारा सिजेरियन सेक्शन करने से पहले भ्रूण को 21।5 दिनों के लिए विकसित होने के लिए छोड़ दिया गया था। चूहों के जन्म के बाद टीम ने चूहों पर "separation surgeries" की और पाया कि सभी नर बच्चे ऑपरेशन के तीन महीने बाद जीवित रह सकते हैं। 

the sun की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन से पता चला है कि प्रयोग से पैदा हुए चूहे वयस्कता में जीवित रहे और उन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई। हालांकि, उन्हें कुछ "असामान्य मृत भ्रूण" भी मिले, जो "सामान्य भ्रूणों की तुलना में अलग आकार और रंग के थे।

अपने शोध पत्र में टीम ने लिखा है कि "पहली बार नर गर्भावस्था का एक स्तनधारी पशु मॉडल हमारे द्वारा बनाया गया है। हमारे शोध से नर स्तनधारी जानवरों में सामान्य भ्रूण के विकास की संभावना का पता चलता है और इसका प्रजनन जीव विज्ञान के शोध पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।"

वहीं पेटा की वरिष्ठ विज्ञान नीति सलाहकार एमिली मैकइवर ने इस अध्ययन की आलोचना करते हुए कहा कि जानवरों को "डिस्पोजेबल वस्तुओं" के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि "ये चौंकाने वाले प्रयोग पूरी तरह से जिज्ञासा से प्रेरित हैं और मानव प्रजनन प्रणाली की हमारी समझ को आगे बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं करते हैं।