Zee News : Sep 23, 2020, 07:40 AM
चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) की राजधानी चंडीगढ़ (Chandigarh) में एक लापता बंदर (Monkey) का पता लगाने के लिए 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया है। इस बंदर को एक व्यक्ति ने अपने कब्जे में रखा हुआ था, जिसकी शिकायत मिलने पर वन विभाग ने व्यक्ति के खिलाफ वन्य जीव एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई तो कर दी, मगर वन विभाग को बंदर नहीं मिला है।
जिसके बाद पेटा ने 'मोकू' नामक इस बंदर का सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की गई। चंडीगढ़ के इतिहास में PRELIMENERY OFFENCE REPORT दर्ज होने का यह पहला मामला है। चंडीगढ़ वन विभाग के डीएफसी डॉक्टर अबदुल क्वाम ने बताया कि इस बंदर के साथ बहुत बुरा हुआ है। वन विभाग के मुताबिक, चंडीगढ़ में किसी व्यक्ति ने इसको अपने कब्जे में रखा हुआ था और अपने साथ इसकी फोटो और वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर अपनी फैन फॉलोइंग बढ़ा रहा था। वन विभाग का यह भी कहना है कि इस बंदर को खाने-पीने के लिए ऐसे पदार्थ भी दिए जा रहे थे जो इसकी सेहत के लिए नुकसान दायक साबित हो सकते थे। और ऐसा करना वन्य जीव एक्ट के तहत कानूनन अपराध है। लिहाजा सूचना मिलने पर वन विभाग ने बंदर को कब्जे में रखने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तो कर दी मगर विभाग बंदर को हासिल नहीं कर पाया।पेटा की सदस्य गरिमा ने बताया कि इस बन्दर को काफी जगह तलाश लिया गया है, मगर इसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। फिलहाल गली-गली, जंगल-जंगल आम लोगों की मदद से इस नन्हें बंदर की तलाश की जा रही है। वन विभाग को इसकी तलाश इसलिए भी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मोकू सकुशल है और अब उसको किसी ने कब्जे में तो नहीं रखा हुआ। हालांकि इस नन्हे बन्दर की कोई खास पहचान ना होने की वजह से बंदरों में इस एक बंदर को ढूंढ पाना किसी चुनौती से कम नहीं है।
जिसके बाद पेटा ने 'मोकू' नामक इस बंदर का सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की गई। चंडीगढ़ के इतिहास में PRELIMENERY OFFENCE REPORT दर्ज होने का यह पहला मामला है। चंडीगढ़ वन विभाग के डीएफसी डॉक्टर अबदुल क्वाम ने बताया कि इस बंदर के साथ बहुत बुरा हुआ है। वन विभाग के मुताबिक, चंडीगढ़ में किसी व्यक्ति ने इसको अपने कब्जे में रखा हुआ था और अपने साथ इसकी फोटो और वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर अपनी फैन फॉलोइंग बढ़ा रहा था। वन विभाग का यह भी कहना है कि इस बंदर को खाने-पीने के लिए ऐसे पदार्थ भी दिए जा रहे थे जो इसकी सेहत के लिए नुकसान दायक साबित हो सकते थे। और ऐसा करना वन्य जीव एक्ट के तहत कानूनन अपराध है। लिहाजा सूचना मिलने पर वन विभाग ने बंदर को कब्जे में रखने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तो कर दी मगर विभाग बंदर को हासिल नहीं कर पाया।पेटा की सदस्य गरिमा ने बताया कि इस बन्दर को काफी जगह तलाश लिया गया है, मगर इसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। फिलहाल गली-गली, जंगल-जंगल आम लोगों की मदद से इस नन्हें बंदर की तलाश की जा रही है। वन विभाग को इसकी तलाश इसलिए भी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मोकू सकुशल है और अब उसको किसी ने कब्जे में तो नहीं रखा हुआ। हालांकि इस नन्हे बन्दर की कोई खास पहचान ना होने की वजह से बंदरों में इस एक बंदर को ढूंढ पाना किसी चुनौती से कम नहीं है।