हरियाणा / हरियाणा के करनाल में किसानों के विरोध प्रदर्शन से पहले धारा 144 लागू

करनाल (हरियाणा) के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ मंगलवार को किसानों द्वारा लघु सचिवालय के प्रस्तावित घेराव के मद्देनज़र धारा-144 लागू की है। किसान आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान पुलिस से कथित तौर पर 'किसानों के सिर फोड़ने' को कहा था।

Vikrant Shekhawat : Sep 06, 2021, 12:21 PM
करनाल: 28 अगस्त को हुए किसानों पर लाठीचार्ज के आरोपियों पर कार्रवाई आदि की मांगों को लेकर घरौंडा किसान पंचायत में भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के सात सितंबर से लघु सचिवालय के अनिश्चितकालीन घेराव के एलान के बाद पुलिस प्रशासन में खलबली है। एक तरफ किसान घेराव को सफल बनाने की तैयारी में जुटे हैं तो वहीं पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए व्यापक तैयारिया कर रहा है। इसी क्रम में जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने करनाल में धारा 144 लागू कर दी है। इसमें कहा गया है कि इसका उलंघन करने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

घरौंडा में 30 अगस्त को नई अनाज मंडी में लाठीचार्ज के विरोध में किसान महापंचायत में किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा था कि यदि छह सितंबर तक लाठीचार्ज के आरोपी एसडीएम आदि अफसरों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई नहीं की और मृतक किसान सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये व घायलों को दो दो लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया तो सात सितंबर को करनाल के लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे। इसमें हरियाणा सरकार ने एसडीएम आयुष सिन्हा का तबादला तो कर दिया है, लेकिन अन्य कोई कार्रवाई या मांग पर सरकार का रुख अभी सामने नहीं आया है। हालांकि एसडीएम के तबादले को किसान नेताओं ने नाकाफी बताया था। भाकियू जिलाध्यक्ष अजय राणा ने बताया कि किसानों ने लाठीचार्ज के विरोध में सात सितंबर को जिला सचिवालय के अनिश्चितकालीन घेराव की तैयारी कर ली है। मंगलवार सुबह सात बजे करनाल की नई अनाज मंडी में किसान एकत्रित होंगे। उसके बाद पैदल प्रदर्शन करते हुए सेक्टर 12 जिला सचिवालय पहुंचेंगे। सचिवालय गेट को ताला लगाकर कामकाज बंद करवाएंगे।

जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती सचिवालय पर यह महापड़ाव जारी रहेगा। हरियाणा के अलावा पंजाब व उत्तरप्रदेश से भी किसान करनाल पहुंचेंगे। साथ ही कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन बरकरार रहेगा। भारतीय किसान मजदूर नौजवान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र आर्य ने कहा कि सरकार किसानों की बात सुननी चाहिए।

घेराव के एलान से पुलिस प्रशासन ने भी बेचैनी है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रदेश के डीजीपी स्वयं भी करनाल आकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले चुके हैं। जिलाधीष निशांत कुमार यादव ने करनाल में निशेधाज्ञा भी इसी घेराव को देखते हुए लागू की है। इसके तहत पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एक स्थान पर इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा। किसी भी प्रकार के हथियार लाठी, गंडासी, कुल्हाड़ी, कस्सी, फाला आदि को लेकर चलने पर पाबंदी रहेगी। आदेशों की अवहेलना करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 आईपीसी के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश रविवार से ही लागू हो गए हैं। जोकि सात सितंबर तक लागू रहेंगे। आदेशों का पालन कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। पुलिस ने भी भारी पुलिस बल तैनात करने की रणनीति तैयार कर ली है।

मुजफ्फरनगर से लौटे किसान

-रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में भाग लेेने के लिए जिले से हजारों किसान पहुंचे थे। शाम तक उनका वापस लौटना जारी रहा। किसानों ने कहा कि महापंचायत में भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने लाठीचार्ज की निंदा की। भाकियू प्रदेश संगठन मंत्री शाम सिंह मान ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान मुजफ्फरनगर गए थे। अब सचिवालय घेराव की तैयारी कर रहे हैं।