Bihar / बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद से मदद मांगना बिहार के बीमार शिक्षक को पड़ा महंगा, साइबर ठगों ने कर दिया एकाउंट खाली

अभिनेता सोनू सूद से इलाज के लिए मदद मांगना एक बीमार शिक्षक को महंगा पड़ गया। साइबर ठगों ने शिक्षक के बैंक एकाउंट को खाली कर दिया। मामला नालंदा जिले के नगर थाना द्वारिका नगर मोहल्ले का है। जानकारी के अनुसार शिक्षक शुभम कुमार पिछले 1 साल से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमित होने के बाद उनका फेफड़ा पूरी तरह से संक्रमित हो गया है।

Vikrant Shekhawat : Jun 26, 2022, 06:13 PM
Bihar: अभिनेता सोनू सूद से इलाज के लिए मदद मांगना एक बीमार शिक्षक को महंगा पड़ गया। साइबर ठगों ने शिक्षक के बैंक एकाउंट को खाली कर दिया। मामला नालंदा जिले के नगर थाना द्वारिका नगर मोहल्ले का है।  जानकारी के अनुसार शिक्षक शुभम कुमार पिछले 1 साल से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमित होने के बाद उनका फेफड़ा पूरी तरह से संक्रमित हो गया है। चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर में इलाज के लिए 45 लाख रुपए की मांग की गई। तब से वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर बिहारशरीफ में किराए के मकान पर रह रहे हैं। 

अपने इलाज के लिए शुभम कुमार ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं पर कहीं से भी कोई मदद अभी तक नहीं मिली। इस बीच मदद की आस में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को ट्वीट कर शुभम कुमार ने  इलाज की गुहार लगाई थी। शनिवार की शाम शुभम कुमार के मोबाइल पर किसी अनजान शख्स ने फोन कर किया। फोन करने वाले ने खुद को सोनू सूद का मैनेजर बताया। फिर उसने शुभम कुमार के मोबाइल पर एक लिंक भेज कर रजिस्ट्रेशन करने को कहा। 

शुभम कुमार को कुछ शक हुआ तो एकाउंट से दो हजार रुपए छोड़कर सारा रुपए उसने भाई के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। दो हजार रुपए रहने के बाद उसने जब दिए गए लिंक को डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया  की  तो कुछ देर बाद उसके एकाउंट से वह रुपए भी गायब हो गए। फिर पीड़ित शिक्षक का माथा ठनका और अपने आप को ठगा महसूस किया। 

शिक्षक शुभम कुमार  की मां ने बताया कि उनका पुत्र जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। हर दिन  4 घण्टे ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखना पड़ता है। बेटे के इलाज के लिए अपना खेत तक बेच चुके हैं। घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य उनका बड़ा पुत्र शुभम ही था, जो कोचिंग चलाकर अपने बुजुर्ग माता-पिता का भरण पोषण करता था। उन्हें अपने पुत्र के इलाज के लिए किसी रहनुमा की जरूरत है, जो उनके इलाज में मदद कर सकें ।