Vikrant Shekhawat : Feb 18, 2024, 06:40 PM
Lok Sabha Election: दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जीत का मंत्र कार्यकर्ताओं को दिया. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 370 सीट का आंकड़ा पार करने और एनडीए का 400 सीट तक पहुंचने के लक्ष्य की रणनीति बताई. पीएम मोदी ने अगले 100 दिनों को को महत्वपूर्ण बताते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं को पूरी ऊर्जा और शक्ति के साथ जुट जाने का आह्वान किया.बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 सालों की अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया. अयोध्या में राम मंदिर, धारा 370 खत्म करने, विकसित भारत बनाने के सपने, नारी शक्ति से संस्कृति और परंपरा की बात की. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने इंडिया अलायंस को भाई-भतीजावाद, स्वार्थ और भ्रष्टाचार का गठबंधन करार दिया.इस तरह से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव का अभी तक सबसे बड़ा टारगेट 370 हासिल करने का लक्ष्य रखा है. बीजेपी पिछले 10 सालों में मोदी सरकार की उपलब्धियों, विकास और विश्वास को एक ओर मुद्दा बना रही है, तो दूसरी ओर विपक्षी नेताओं के भ्रष्टाचार और भाई-भतीजेवाद को मुद्दा बनाकर चुनाव में उतरने की तैयारी कर ली है.370 सीट तक पहुंचने का टारगेटबता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में 282 सीटों के साथ बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा लगातार अपनी बढ़त बना रही है. 2019 के चुनाव में 21 सीटों से 303 सीटों की बढ़त ले ली. यहां उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 2014 में 428 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 282 सीटें जीती थीं. साल 2019 में 436 सीटों में से 303 सीटें जीती थीं. इस बार बीजेपी ने इस बार मोदी के 370 सीटों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी को 67 सीटें और जीतनी होंगी. इस सीटों पर जीत हासिल करने के लिए पार्टी अधिवेशन में पीएम मोदी और अमित शाह ने रोडमैप बनाया. उस पर अगले 100 दिनों तक बीजेपी कार्यकर्ताओं से जी जान से जुट जाने का आह्वान किया.सरकार की उपलब्धियां और पीएम मोदी के काम का बखानप्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प’ एक सपना है. अगले पांच साल उस सपने को हासिल करने में बहुत महत्वपूर्ण होंगे. उन्होंने कहा, ”हमें इस समय बड़ी छलांग लगाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.” विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को 1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तक पहुंचने में 60 साल लग गए, लेकिन केवल दस वर्षों में हमने अर्थव्यवस्था में 2 ट्रिलियन जोड़ दिए.उन्होंने कहा कि भारत के पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने पर हर नागरिक की जीवनशैली बदल जाएगी. उन्होंने कहा, सभी राजनीतिक दल विकसित भारत के इस एक वादे को पूरा करने से डरते हैं, उनका कहना है कि केवल भाजपा ही ऐसा कर सकती है. हमें विकसित भारत पर जनता से 15 लाख विचार मिले और उनमें से आधे 35 वर्ष से कम आयु के लोगों के थे.उन्होंने कहा, “हमने दशकों से अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करने का साहस किया है. चाहे वह राम मंदिर का निर्माण हो, करतारपुर गलियारे का उद्घाटन हो, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना हो, या नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन हो, इन बदलावों का भारत के लोगों को लंबे समय से इंतजार था. ”विपक्ष पर निशाना, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बनाया मुद्दागृह मंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, ”गठबंधन ऐसे नहीं बनते. समान विचारधारा वाले समूह गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आते हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया अलायंस का गठन हुआ. इस गठबंधन में हर कोई भ्रष्ट है. इस देश में कांग्रेस भ्रष्टाचार की जनक है और कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को प्रायोजित किया है. यूपीए सरकार के 10 वर्षों को देखें, 2जी भ्रष्टाचार, आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार, सारदा भ्रष्टाचार, हिमाचल में सेब वितरण भ्रष्टाचार, भूमि के बदले नौकरियां भ्रष्टाचार, बोफोर्स भ्रष्टाचार हुआ है.”उन्होंने कहा, ”कई लोग कह रहे हैं कि भारत गठबंधन हमारे लिए बड़ी चुनौती है. मेरे लिए, भारत गठबंधन सात परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन है. जो लोग अपनी ही पार्टी में लोकतंत्र नहीं बना सकते, वे देश के लोकतंत्र की रक्षा क्या करेंगे? एक तरफ मोदीजी का विकासवादी गठबंधन है, दूसरी तरफ राहुल गांधी का वंशवादी गठबंधन है. मेरा मानना है कि लोग सही फैसला लेंगे. जनता भारतीय जनता पार्टी चुनेगी.”पीएम मोदी और अमित शाह ने एक ओर सरकार की उपलब्धियों का बखान किया. दूसरी ओर, एनडीए सरकार और यूपीए सरकार की तुलना की. अमित शाह ने पितृसत्ता की राजनीति पर आरोप लगाते हुए कहा, ”मोदी जी ने जहां आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य रखा है, 2047 तक का रोडमैप बनाया है, सोनिया जी का लक्ष्य अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना है, शरद पवार का लक्ष्य अपनी बेटी को प्रधानमंत्री बनाना है. मुख्यमंत्री, ममतादी का लक्ष्य अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना है, स्टालिन का लक्ष्य अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है, उद्धव ठाकरे का लक्ष्य अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है, लालूजी का लक्ष्य अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है और मुलायमजी ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाया.