Vikrant Shekhawat : Jul 19, 2023, 09:45 PM
Sachin-Seema Love Story: साल 2020 में जब लोग कोरोना के डर से घरों में कैद थे, उस वक्त दो सरहदों के बीच एक प्रेम कहानी परवान चढ़ रही थी. पाकिस्तान की सीमा हैदर और नोएडा के सचिन मीणा के बीच पबजी गेम खेलते हुए लव स्टोरी लिखी जा रही थी. हर दिन घंटों की बात ने दोनों को इतना करीब ला दिया कि उन्होंने शादी करने की ओर भी कदम बढ़ा दिए. सीमा और हैदर ने सबसे पहले नेपाल में मिलने का प्लान बनाया. 10 मार्च 2023 को दोनों की मुलाकात हुई और वहीं के विनायक होटल में सचिन ने सीमा की मांग ने सिंदूर भरकर उसे अपनी पत्नी बना लिया.सीमा और सचिन 7 दिनों तक नेपाल में रहे इसके बाद सीमा पाकिस्तान चली गई. पाकिस्तान जाने के बाद सीमा को एहसास हुआ कि अब वो सचिन के बिना नहीं रह पाएगी और उसने दो दशों की सरहदों को लांघने का फैसला कर लिया. सीमा 11 मई को अपने चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से काठमांडू (नेपाल) होते हुए 13 मई को भारत में दाखिल हो गई. भारत पहुंचने के लिए सीमा ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया.सीमा ने कहां से इकट्ठा किए 23 लाख रुपएबता दें कि सीमा का पति गुलाम हैदर साल 2019 में सऊदी अरब चला गया था. गुलाम हर महीने 70 से 80 हजार रुपए सीमा को भेजा करता था. मकान का किराया, बच्चों की फीस और घर के खर्चे के बावजूद उसके पास 20 हजार रुपए बच जाते थे. इन पैसों से सीमा ने दो कमेटी खोली थी. हालांकि भारत आने के लिए उसने जल्दी कमेटी खुलवाकर 2 लाख रुपए उठा लिए. इसके साथ ही सीमा के पास गुलाम के भेजे 6 लाख रुपए बचत के थे. यही नहीं सीमा ने भारत आने के लिए अपने पिता से भी 1 लाख रुपए लिए थे. यही नहीं सीमा के प्लान से अंजान गुलाम ने इसी दौरान सऊदी से एक मुश्त 2.5 लाख रुपए भेज दिए. यही नहीं सीमा ने सचिन से मिलने के लिए 39 गज का मकान 12 लाख रुपए में बेच दिया था. भारत आने से पहले सीमा के पास 23.5 लाख रुपए इकट्ठे कर लिए थे.कुछ इस तरह भारत पहुंची थी सीमासीमा हैदर 10 मई को 15 दिन के टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से अपने चार बच्चों फरहान (7) , फरवाह (6), फरिहा (5) और मुन्नी (3) के साथ कराची एयरपोर्ट से दुबई पहुंची. इसके बाद 11 मई को दुबई एयरपोर्ट से काठमांडू एयरपोर्ट नेपाल आई. यहां से उसने पब्लिक ट्रांसपोर्ट वैन की और पोखला नेपाल गई. यहां उसने एक होटल लिया और रात में वहीं रुकी. दूसरे दिन सुबह नेपाल से बस पकड़कर स्पनडेही-खुनाा बार्डर से भारत में प्रवेश किया. यहां से लखनऊ, आगरा होते हुए 13 मार्च को रबूपुरा कट, गौतमबुद्धनगर में उतर गई.