Vikrant Shekhawat : May 09, 2022, 05:11 PM
कोलंबो । श्रीलंका (Sri Lanka) के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapakse) ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री महिंदा (76) ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना त्याग पत्र भेजा। इस बीच उनके (महिंदा राजपक्षे) समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। इस हमले में कम से कम 78 लोग घायल हो गए। श्रीलंकाई अधिकारियों ने सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया। कम से कम दो कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने इस्तीफे की घोषणा की है।
वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। महिंदा राजपक्षे अपनी ही पार्टी ‘श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना’ (एसएलपीपी) के भीतर से इस्तीफा देने के लिए भारी दबाव का सामना कर रहे थेइससे पहले राजनीतिक सूत्रों ने कहा था कि पीएम राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर विपक्ष का दबाव लगातार बढ़ रहा है। 76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे अपनी ही पार्टी ‘श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना’ (एसएलपीपी) के भीतर से इस्तीफा देने के लिए भारी दबाव का सामना कर रहे हैं। कोलंबो पेज की रिपोर्ट के अनुसार, गोटबाया राजपक्षे की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कैबिनेट बैठक में महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने पर सहमति व्यक्त की है। पीएम महिंदा ने इससे पहले भी कई बार कहा था कि वह जरूरत पड़ने पर इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद अगले सप्ताह कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा।
वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। महिंदा राजपक्षे अपनी ही पार्टी ‘श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना’ (एसएलपीपी) के भीतर से इस्तीफा देने के लिए भारी दबाव का सामना कर रहे थेइससे पहले राजनीतिक सूत्रों ने कहा था कि पीएम राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर विपक्ष का दबाव लगातार बढ़ रहा है। 76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे अपनी ही पार्टी ‘श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना’ (एसएलपीपी) के भीतर से इस्तीफा देने के लिए भारी दबाव का सामना कर रहे हैं। कोलंबो पेज की रिपोर्ट के अनुसार, गोटबाया राजपक्षे की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कैबिनेट बैठक में महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने पर सहमति व्यक्त की है। पीएम महिंदा ने इससे पहले भी कई बार कहा था कि वह जरूरत पड़ने पर इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद अगले सप्ताह कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा।