Vikrant Shekhawat : Nov 10, 2023, 04:00 PM
Mahua Moitra: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता पर संकट गहरा गया है. लोकसभा की एथिक्स कमेटी में पैसे लेकर सवाल पूछे जाने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ को निष्कासित करने की सिफारिश की गई है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी सांसद को अपनी संसद सदस्यता गंवानी पड़ रही है. आजादी के महज चार साल बाद ही एचजी मुदगल जैसे दिग्गज नेता को एक कारोबारी से पैसे और गिफ्ट लेकर सवाल पूछने के चलते अपनी संसद सदस्यता खोनी पड़ी थी. मुदगल की तरह ही महुआ मोइत्रा भी एक बिजनेसमैन से पैसा और गिफ्ट लेकर सवाल पूछने के मामले में घिरी हुई हैं.देश में पहली बार पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में एचजी मुदगल को अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी. यह 1951 का मामला है, उस समय देश में प्रोविजनल सरकार थी. एचजी मुदगल कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन एक बिजनेसमैन से 5000 रुपए लेकर संसद में सवाल पूछने के चलते उनकी सदस्यता चली गई थी. बॉम्बे के बुलियन एसोसिएशन से एचजी मुदगल को पैसे और गिफ्ट मिलने का मामला सही पाया गया था.387 पन्नों की तैयार हुई थी रिपोर्टएचजी मुदगल पर बुलियन एसोसिएशन से पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप लगे तो उस समय पांच सदस्यों की एक विशेष संसदीय जांच समिति गठित की गई. 8 जून 1951 को गठित की गई समिति का अध्यक्ष टीटी कृष्णामचारी को बनाया गया था जबकि सदस्य के रूप में प्रो. केटी शाह, काशीनाथराव वैद्य, जी दुर्गाबाई और सैयद नौशेरली थे. संसदीय समिति ने एचजी मुदगल से उन पर लगे आरोपों को लेकर सवाल पूछा और एक रिपोर्ट तैयार की.संसदीय समिति ने जांच के बाद एचजी मुदगल को लेकर 387 पन्नों की अपनी रिपोर्ट तैयार की, जिसे अगस्त 1951 में संसद में पेश किया गया. कमेटी ने रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया था कि एचजी मुदगल के संपर्क बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन से थे. उन्होंने बुलियन एसोसिएशन से पैसे लेकर उनके पक्ष में संसद में सवाल उठाए. सवाल इसीलिए पूछे गए थे ताकि बुलियन एसोसिएशन को लाभ पहुंचे और उनके बिजनेस में आ रही रूकावटें दूर हो सकें. जांच में ये भी पाया गया कि मुदगल को ना केवल इससे आर्थिक फायदा हुआ बल्कि उन्हें महंगे सामान भी दिए गए.रिपोर्ट में कहा गया, ‘मुदगल ने संसद के एक सदस्य की गरिमा को गिराया और सदन की नैतिकता के खिलाफ जाकर काम किया.’ इस तरह संसदीय जांच समिति ने उन्हें दोषी पाया. ऐसे में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एचजी मुदगल के खिलाफ एक्शन को जायज ठहराया था. इस तरह एचजी मुदगल को लेकर संसदीय समिति ने जो रिपोर्ट पेश किया था, उस पर संसद में बहस हुई, जिसमें उन्होंने खुद भी शिरकत किया था. मुदगल को हटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, लेकिन उससे पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया.नेहरू के सामने माना कि 2,700 लिए थेएचजी मुदगल शुरू में तो इस बात से साफ मुकर गए थे कि उन्हें बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन से सवाल के एवज में कोई फायदा हुआ है. हालांकि, बाद में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के सामने स्वीकार किया कि इसमें उन्हें जैसा प्रचारित किया जा रहा है कि 20,000 रुपए मिले, ऐसा नहीं है बल्कि उन्हें 2,700 मिले थे. बुलियन एसोसिएशन ने माना था कि मुदगल को 5,000 रुपए दिए थे, ताकि संसद में वो उनके फेवर में सवाल पूछें और माहौल बना सकें. इस तरह एचजी मुदगल को संसद की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था.घटना के करीब सत्तर साल के बाद अब ऐसे ही मामले में महुआ मोइत्रा घिर गई हैं. बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी की तरफ से संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी में पैसे लेकर सवाल पूछे जाने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई है. इस आशय का प्रस्ताव एथिक्स कमेटी में पारित हो चुका है, जिसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. लोकसभा में अगर वोटिंग सिफारिश के पक्ष में होती है तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ सकता है.